

रायबरेली सदर विधायक अदिति सिंह ने घंटाघर मार्केट में अतिक्रमण हटाने के दौरान हो रही अवैध वसूली पर नगर पालिका कर्मचारियों की सरेआम क्लास लगाई। एक कर्मचारी के खिलाफ FIR दर्ज कर उसे गिरफ्तार भी कराया।
सदर विधायक अदिति सिंह
Raebareli: रायबरेली की राजनीति में उस समय हलचल मच गई, जब सदर विधायक अदिति सिंह ने घंटाघर मार्केट में नगर पालिका कर्मचारियों की खुलेआम क्लास लगाई। मौका था अतिक्रमण हटाने के नाम पर की जा रही अवैध वसूली का, जिससे नाराज होकर विधायक खुद मौके पर पहुंचीं और कर्मचारियों को फटकारते हुए FIR दर्ज करवा दी।
शनिवार दोपहर रायबरेली की घंटाघर मार्केट में नगर पालिका द्वारा अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया जा रहा था। आरोप है कि इस दौरान नगर पालिका के कुछ कर्मचारी पटरी दुकानदारों से 500-500 रुपये की वसूली करने लगे। जब इसकी जानकारी सदर विधायक अदिति सिंह को मिली तो वे तुरंत मौके पर पहुंचीं।
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उन्होंने नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) को मौके पर बुलाया और सरेआम फटकार लगाई। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि पटरी दुकानदारों को नहीं हटाया जाएगा और जो कर्मचारी अवैध वसूली में शामिल हैं। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अदिति सिंह ने संबंधित कर्मचारी को चौकी इंचार्ज के हवाले कर दिया।
गंभीर और सख्त लहजे में विधायक अदिति सिंह ने कहा, "यह मेरा शहर है। यहां किसी भी प्रकार की अवैध वसूली नहीं होने दूंगी। जो दुकानदारों को परेशान करेगा या पत्रकारों को धमकाएगा, उसे 10 जूते मारूंगी।"
सदर विधायक अदिति सिंह
उन्होंने आगे कहा कि यह क्षेत्र उनके पिता अखिलेश सिंह का था, जिन्होंने हमेशा लोगों की सेवा की। वह भी उसी सोच के साथ आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि 50 वर्षों में कभी किसी पटरी दुकानदार से वसूली नहीं हुई, लेकिन अब त्योहार के मौके पर कर्मचारियों द्वारा ऐसी हरकत बेहद निंदनीय है।
अदिति सिंह ने कहा, “मैं जल्दी नाराज नहीं होती, लेकिन आज जब देखा कि छोटे दुकानदारों से अवैध वसूली हो रही है तो चुप नहीं रह सकती थी। ईओ साहब ने खुद कहा था कि कोई वसूली नहीं होगी, फिर ये कैसे हुआ?” उन्होंने यह भी कहा कि जिन दुकानदारों से पैसा लिया गया है। वह सारा पैसा वापस कराया जाएगा। इसके साथ ही दोषी कर्मचारी के खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई है और उसे गिरफ्तार भी कराया गया है।
अदिति सिंह ने पटरी दुकानदारों से अपील की है कि थोड़ी-थोड़ी दुकानें पीछे कर लें, जिससे यातायात बाधित न हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोई अतिक्रमण नहीं है, बल्कि दशकों से यहां व्यवसाय कर रहे दुकानदारों की रोजी-रोटी है। "ये दुकानदार पिछले 50 साल से यही हैं। त्योहार के मौके पर इनसे वसूली करना शर्मनाक है।"
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