बाढ़ और भूस्खलन ने देशभर में मचाई तबाही: कश्मीर से कन्याकुमारी तक प्रलय जैसी स्थिति, कई राज्यों में रेड और ऑरेंज अलर्ट

देशभर में भारी बारिश और बाढ़ ने व्यापक तबाही मचाई है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, पंजाब, और राजस्थान में भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं सामने आईं, जिससे कई लोगों की जान चली गई और कई लापता हो गए। कुल्लू और किश्तवाड़ जैसे क्षेत्रों में भूस्खलन से यातायात बाधित हुआ।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 5 September 2025, 7:16 AM IST
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New Delhi: देशभर में बाढ़ और बारिश की गंभीर स्थिति बनी हुई है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक लगभग हर राज्य में बारिश का कहर जारी है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, पंजाब, और राजस्थान जैसे क्षेत्रों में भूस्खलन, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाएं स्थिति को और भी बिगाड़ रही हैं। इस लेख में हम देखेंगे कि कैसे देशभर में इन घटनाओं ने जान-माल की भारी क्षति पहुँचाई है और किस प्रकार राहत कार्य चलाए जा रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से मौत और लापता लोग

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में गुरुवार सुबह करीब 7:30 बजे भारी भूस्खलन हुआ, जिसमें दो घर मलबे में दब गए। इस घटना में मलबे में दबे 10 लोगों में से तीन को बचा लिया गया, जबकि एक की मौत हो गई और छह लोग अब भी लापता हैं। कुल्लू जिला मुख्यालय के इनर अखाड़ा बाजार इलाके में मठ क्षेत्र के पास भूस्खलन हुआ। राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन बारिश के लगातार हो रहे दौर के कारण बचाव कार्यों में काफी कठिनाई आ रही है। इससे पहले, एक दिन पहले भी यहां भूस्खलन हुआ था जिसमें दो लोग लापता हो गए थे।

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किश्तवाड़ में भूस्खलन से पांच लोग घायल

जम्मू संभाग के किश्तवाड़ जिले में रटले जल विद्युत परियोजना स्थल द्राबशाल्ला में भारी भूस्खलन हुआ। इससे पांच लोग मलबे में दब गए थे। हालांकि, प्रशासन और पुलिस की तत्परता से सभी को मलबे से सुरक्षित निकाल लिया गया। लेकिन इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि भूस्खलन और भारी बारिश से न केवल जनजीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी गंभीर असर पड़ रहा है।

बाढ़ और भूस्खलन ने देशभर में मचाई तबाही

अरुणाचल प्रदेश में भूस्खलन से यातायात बाधित

अरुणाचल प्रदेश में भी भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। राज्य के पांच स्थानों पर भूस्खलन के कारण प्रमुख सड़कों और मार्गों पर यातायात ठप हो गया है। इस स्थिति में राहत कार्यों की गति धीमी हो गई है और आने-जाने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

पंजाब और हरियाणा में बाढ़ की स्थिति गंभीर

पंजाब के अमृतसर और गुरदासपुर में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ और बारिश के बाद की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि पंजाब में बाढ़ की स्थिति काफी गंभीर हो गई है और इसे जल प्रलय की तरह देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में केंद्र सरकार राज्य के साथ खड़ी है और हर संभव मदद की जाएगी। इस बीच, पंजाब और हरियाणा में भी बारिश का सिलसिला जारी रहा, जिससे जीवन-व्यवस्था पर और अधिक दबाव बढ़ गया है।

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए देशभर में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और पूर्वोत्तर राज्यों में शुक्रवार को ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, गुजरात, कच्छ और सौराष्ट्र में 7 सितंबर तक रेड अलर्ट जारी किया गया है। इन इलाकों में भारी बारिश और बाढ़ की आशंका जताई जा रही है। राजस्थान और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में 8 सितंबर तक भारी बारिश का अनुमान है।

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पाकिस्तान सीमा पर बाढ़ से बाड़ क्षतिग्रस्त

पंजाब और जम्मू में बाढ़ के कारण पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर बाड़ क्षतिग्रस्त हो गई है। करीब 110 किलोमीटर लंबी बाड़ पानी में डूब गई है, जिससे सुरक्षा चिंताएं भी बढ़ गई हैं। इसके अलावा, बीएसएफ की 90 चौकियां भी जलमग्न हो गई हैं, जो सुरक्षा की दृष्टि से एक बड़ी चिंता का कारण बन सकती है।

राहत कार्यों में चुनौतियां

भूस्खलन, बाढ़ और बारिश के कारण देशभर में राहत कार्यों में कठिनाई आ रही है। मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए प्रशासन और सुरक्षा बलों की टीमें जुटी हुई हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण बचाव कार्यों में बाधाएं आ रही हैं। कई स्थानों पर सड़कें और संचार सुविधाएं प्रभावित हो गई हैं, जिससे बचाव दलों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

आगामी मौसम के पूर्वानुमान और उपाय

मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में देशभर में बारिश का सिलसिला और तेज हो सकता है। विशेषकर उत्तर भारत, पश्चिमी भारत और दक्षिण भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। इस स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकारों और केंद्र सरकार ने राहत कार्यों में तेजी लाने और प्रभावित इलाकों में तात्कालिक उपाय करने की योजना बनाई है।

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