

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का कहर मच गया है। नदी का जलस्तर 199 मीटर तक पहुंच गया है, जिससे हजारों बीघा कृषि भूमि और फार्महाउस जलमग्न हो गए हैं। इससे किसानों की खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।
उत्तर प्रदेश में यमुना का रौद्र रूप
Noida: उत्तर प्रदेश के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में इन दिनों यमुना नदी अपने रौद्र रूप में दिखाई दे रही है। हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया पानी मंगलवार शाम से ही दिल्ली-NCR की ओर बढ़ने लगा था और इसका असर अब नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा में साफ तौर पर देखा जा रहा है। यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ते हुए 199 मीटर तक पहुंच चुका है, जिससे बाढ़ का खतरा और भी गहरा गया है। हिंडन नदी का जलस्तर बढ़ गया है।
जलस्तर बढ़ने के कारण यमुना के डूब क्षेत्र में स्थित फार्महाउस और हजारों बीघा कृषि भूमि जलमग्न हो गई है। इससे किसान बेहद परेशान हैं क्योंकि उनकी खड़ी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं। कई किसानों का महीनों का श्रम पानी में बह गया है। उनके लिए यह एक बड़ा आर्थिक संकट बन चुका है और वे इस नुकसान से उबरने के लिए प्रशासन से मदद की उम्मीद कर रहे हैं।
बाढ़ से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भारी तबाही, राहत कार्यों में जुटा प्रशासन, हिंडन नदी का बढ़ जलस्तर#Noida #Flood #Hindanriver #YamunaRiver pic.twitter.com/hRSzLOgiqy
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 4, 2025
यमुना के बढ़ते जलस्तर से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं। प्रशासन ने इन प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया और शेल्टर होम्स में उनकी रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की। इसके अलावा, प्रशासन ने कम्युनिटी किचन शुरू किया है, ताकि प्रभावित परिवारों को दो समय का भोजन मिल सके और उनकी कोई भी जरूरत पूरी की जा सके।
उत्तर प्रदेश में यमुना का रौद्र रूप
जेवर क्षेत्र में बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। हजारों बीघा भूमि पर खड़ी फसलों का नुकसान किसानों के लिए एक गंभीर संकट बना हुआ है। कई क्षेत्रों में पानी के बढ़ते स्तर ने फसलों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है, जिससे किसानों की स्थिति बेहद खराब हो गई है। कई किसान अब अपनी हानि की भरपाई करने के लिए प्रशासन से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
नोएडा के सेक्टर-168 की ऊंची इमारतों से बाढ़ का दृश्य साफ तौर पर देखा जा सकता है। जहां तक नजर जाती है, वहां तक पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। इस दृश्य ने स्थानीय निवासियों को भयभीत कर दिया है, क्योंकि यदि जलस्तर और बढ़ता है, तो बाढ़ का असर और भी गंभीर हो सकता है।
बाढ़ की चपेट में केवल लोग ही नहीं, बल्कि मवेशियों की भी भारी संख्या आई है। प्रशासन और पुलिस की टीमों ने मिलकर लगभग 2000 मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर निकालकर उन्हें अलग-अलग जगहों पर पहुंचाया। साथ ही, इन मवेशियों के लिए चारे और पानी की भी व्यवस्था की गई है, ताकि उनके मालिकों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
जिलाधिकारी मेधा रूपम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और स्थानीय लोगों से बातचीत की। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को आश्वासन दिया कि उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी और प्रशासन उनकी स्थिति सुधारने के लिए लगातार काम कर रहा है। उन्होंने शेल्टर होम्स का भी निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं को मज़बूती से बनाए रखने के निर्देश दिए।
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बाढ़ के कारण यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों की परेशानियां और बढ़ गई हैं। एक ओर जहां किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, वहीं दूसरी ओर बाढ़ पीड़ित परिवारों के लिए राहत की कोई ठोस उम्मीद नजर नहीं आ रही है। हालांकि प्रशासन लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य चला रहा है, लेकिन यदि जलस्तर और बढ़ता है तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
प्रशासन की कोशिशों के बावजूद जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी के कारण स्थिति और बिगड़ सकती है। प्रशासन पूरी सक्रियता से राहत कार्यों में जुटा हुआ है, लेकिन आने वाले दिनों में यदि बारिश का सिलसिला जारी रहा तो बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है।