

देशभर में भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, जिसमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और अन्य राज्यों में मौसम ने कहर बरपाया है। दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है, जिससे कई निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं।
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New Delhi: देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। खासकर दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। यमुना का जलस्तर बुधवार को 207.48 मीटर पर पहुंच चुका है, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से कहीं ऊपर है। यह जलस्तर 1978 के रिकॉर्ड 207.49 मीटर के करीब पहुंच गया है।
दिल्ली में बाढ़ के पानी के चलते कई इलाके जलमग्न हो गए हैं, जिनमें मजनू का टीला, मदनपुर खादर, और बदरपुर प्रमुख हैं। इन क्षेत्रों के निवासी अब अस्थाई राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं। राजधानी में प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के लिए उचित कदम उठाए हैं, और दिल्ली सचिवालय के अंडरपास में पानी भरने के कारण ट्रैफिक डायवर्जन किया गया है।
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दिल्ली में बुधवार से लेकर 9 सितंबर तक मौसम में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। दिल्लीवासियों को आंधी और बारिश का सामना करना पड़ सकता है। 5 सितंबर को भी दिल्ली में बादल घिरे रह सकते हैं और हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। 6 और 7 सितंबर को आंधी के साथ बारिश का अनुमान है, जबकि 8 और 9 सितंबर को मौसम में बादल रहने की संभावना है।
2025 में होगा 1978 वाला हाल!
1978 में यमुना ने राजधानी दिल्ली में गंभीर बाढ़ का रूप लिया था, जब सड़कों पर पानी बहने लगा था और पॉश कॉलोनियों में भी जलभराव हो गया था। दिल्ली के बुजुर्गों के अनुसार, तब उन्हें अपने घर छोड़कर ऊपरी इलाकों में शरण लेनी पड़ी थी। इस बार भी स्थिति बहुत गंभीर बनती जा रही है और प्रशासन पूरी स्थिति पर निगरानी रखे हुए है।
उत्तर प्रदेश और बिहार में भी मौसम विभाग ने बारिश को लेकर चेतावनी जारी की है। उत्तर प्रदेश में 7 सितंबर तक बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। बिहार में भी कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
झारखंड में रांची समेत राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। यहां तक कि मौसम विभाग ने पश्चिमी सिंहभूम, गुमला और सिमडेगा जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मध्य प्रदेश में भी तीन दिन तक भारी बारिश का अनुमान है, और कई जिलों में बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
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राजस्थान में 6 और 7 सितंबर तक बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि, 8 और 9 सितंबर के बाद बारिश की गति धीमी हो सकती है। वहीं, पंजाब में भी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। खासतौर पर पठानकोट और गुरदासपुर जिलों में भारी बारिश हो सकती है।
उत्तराखंड में भी भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है। नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है, और अन्य जिलों में भी भारी बारिश हो सकती है। हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और सिरमौर जिलों में बारिश का अलर्ट है।
देशभर में बारिश से उत्पन्न बाढ़ और जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन सक्रिय हो गया है। राहत शिविरों में पानी भरने के बावजूद प्रशासन ने उन्हें लगातार राहत पहुंचाने के प्रयास किए हैं। दिल्ली में खासकर सचिवालय और अन्य प्रमुख सरकारी दफ्तरों के पास भी जलस्तर बढ़ने से प्रशासन की कार्यप्रणाली पर असर पड़ा है। राहत कार्यों में अधिक संख्या में नावों का इस्तेमाल और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।