

पंजाब में बाढ़ के कारण हालात गंभीर हो गए हैं, जहां राज्य के सभी 23 जिले प्रभावित हो चुके हैं। 1655 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिससे 37 लोगों की मौत हो चुकी है और 3.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ से कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ है।
बाढ़ ने बदली पंजाब की कहानी
Punjab: पंजाब में बाढ़ के कारण हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। राज्य के सभी 23 जिले बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे 1655 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। अब तक बाढ़ में 37 लोगों की जान जा चुकी है और तकरीबन साढ़े तीन लाख लोग इससे प्रभावित हो चुके हैं। लगातार हो रही मूसलधार बारिश और नदियों का उफान पंजाब के लिए एक बड़ा संकट बनकर सामने आया है।
बाढ़ के इस विनाशकारी संकट को देखते हुए पंजाब सरकार ने राज्य के सभी 23 जिलों को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया है। इसके साथ ही, पंजाब के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त और निजी स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और पॉलिटेक्निक संस्थानों को 7 सितंबर 2025 तक बंद रखने का ऐलान किया गया है। इस दौरान विद्यार्थियों को छुट्टी दी गई है, ताकि वे बाढ़ से सुरक्षा में रह सकें और इसके बाद स्थिति के सुधार होने पर फिर से कक्षाएं शुरू की जाएंगी।
बाढ़ ने बदली पंजाब की कहानी
पंजाब की कृषि भी इस बाढ़ के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई है। 1.75 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में फैली फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं। चावल, गन्ना, मक्का और अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों का महीनों का परिश्रम पानी में बह गया है और वे अब अपनी बर्बादी का आकलन कर रहे हैं। कुल मिलाकर 3.55 लाख से अधिक लोग बाढ़ से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही 19474 लोगों को बाढ़ से बचाया गया है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
पंजाब में अब तक की सबसे भीषण बाढ़, कई जिले बुरी तरह प्रभावित, लाखों लोग संकट में
पंजाब के फरीदकोट और पठानकोट के कई गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। इन इलाकों में भारी बारिश के कारण निचले इलाकों में पानी जमा हो गया है। फरीदकोट के कई गांवों में मकान बारिश के कारण गिर रहे हैं, जिससे वहां के निवासी काफी परेशान हैं। एक हफ्ते में फरीदकोट में छह घरों की छतें बारिश की वजह से गिर चुकी हैं। इसके अलावा, कोटकपूरा के जैतो रोड पर भी भारी बारिश के कारण एक गरीब मजदूर का घर गिर गया, लेकिन परिवार बाल-बाल बच गया। हालांकि, घरेलू सामान क्षतिग्रस्त हो गया और प्रभावित परिवार ने प्रशासन और सरकार से मुआवजे की मांग की है।
पठानकोट के जिलों में बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। रावी दरिया के उफान के कारण पठानकोट, गुरदासपुर और अमृतसर के कई गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इन जिलों में बाढ़ की स्थिति बेहद गंभीर है और लोग अपने घरों से बेघर हो चुके हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र पठानकोट के केजुलटी जिले में है। पंजाब के गवर्नर ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और प्रभावितों से मुलाकात की। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और केंद्र सरकार को प्रभावित जिलों की रिपोर्ट भेजी।
बाढ़ ने बदली पंजाब की कहानी
पंजाब में स्थित सतलुज और घग्गर नदियां भी इस वक्त उफान पर हैं। माधोपुर हैडवर्क से पानी छोड़ने के कारण रावी नदी का जलस्तर फिर से बढ़ गया है, जिससे बाढ़ की स्थिति और भी भयावह हो गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पानी का स्तर घटने के बाद ही नुकसान का सही आकलन किया जा सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ से हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर और वित्तीय नुकसान का सटीक आकलन तब ही हो पाएगा। फिलहाल, सरकार की तरफ से हजारों करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान जताया जा रहा है।
पंजाब आपदा प्रभावित राज्य घोषित: भीषण बाढ़ से हाहाकार, सभी 23 जिले प्रभावित
पंजाब सरकार और प्रशासन पूरी तरह से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। पुलिस, प्रशासन, और सेना के जवानों ने मिलकर बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। पीड़ितों को शेल्टर होम्स में शिफ्ट किया जा रहा है, जहां उन्हें खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य सामग्री और दवाइयों का वितरण भी किया है।