पंजाब आपदा प्रभावित राज्य घोषित: भीषण बाढ़ से हाहाकार, सभी 23 जिले प्रभावित

पंजाब इस समय दशकों की सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। राज्य के सभी 23 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है। अब तक 30 लोगों की मौत और 3.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हो चुके हैं। 1,400 से ज्यादा गांव जलमग्न हैं।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 3 September 2025, 10:46 AM IST
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Chandigarh: पंजाब राज्य एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में है, जहां पिछले कई दशकों की सबसे भीषण बाढ़ ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। भारी बारिश और नदियों के उफान के कारण राज्य के 23 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं, लेकिन हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं।

बाढ़ का विकराल रूप

राज्य की प्रमुख नदियां सतलुज, ब्यास और रवि, खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इन नदियों के जलस्तर में वृद्धि का कारण हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में हुई भारी बारिश है। भाखड़ा, पोंग और रणजीत सागर जैसे बड़े बांधों के जलाशय लबालब भर चुके हैं, जिससे और पानी छोड़ना पड़ रहा है।

पोंग डैम का जलस्तर 1,391 फीट तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से ऊपर है। यहां से ब्यास नदी में एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है। वहीं, रवि नदी में जल प्रवाह 14.11 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया, जो 1988 की ऐतिहासिक बाढ़ से भी अधिक है।

1,400 से अधिक गांव जलमग्न

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1,400 से ज्यादा गांव पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में हैं। प्रमुख प्रभावित जिलों में गुरदासपुर, अमृतसर, होशियारपुर, कपूरथला, फिरोजपुर, तरनतारन और फाजिल्का शामिल हैं। अकेले गुरदासपुर में 324 गांव, अमृतसर में 135 और होशियारपुर में 119 गांव पानी में डूबे हुए हैं।

Relief and rescue work continues in flood affected area

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य जारी

1.48 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि पर खड़ी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, जिनमें खासकर धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। किसान अब गिरदावरी की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें फसल बीमा और मुआवजा मिल सके।

राहत और बचाव कार्य तेज

राज्य सरकार ने एनडीआरएफ की 23 टीमों, सेना, वायुसेना, नौसेना और बीएसएफ को राहत कार्यों में लगाया है। कुल 114 नावें और एक हेलीकॉप्टर लगातार बचाव कार्यों में लगे हैं। अब तक 15,688 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

राज्य में 174 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 74 शिविर सक्रिय हैं। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र फिरोजपुर है, जहां 3,450 लोग राहत शिविरों में हैं। स्वास्थ्य सेवाएं भी युद्धस्तर पर हैं। 818 मेडिकल टीमें तैनात की गई हैं और पशुओं के लिए भी चिकित्सा और चारे की व्यवस्था की गई है।

प्रभावित क्षेत्रों में नेताओं का दौरा

मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। भगवंत मान ने नाव से फिरोजपुर के बाढ़ग्रस्त इलाकों का निरीक्षण किया और केंद्र सरकार से राहत मानकों में बदलाव की मांग की। उन्होंने केंद्र से 60,000 करोड़ रुपये के लंबित फंड को तुरंत जारी करने की अपील की। मान ने कहा, "हम भीख नहीं, बल्कि अपने हक की मांग कर रहे हैं। पंजाब के लोगों को हरसंभव राहत पहुंचाई जाएगी।"

बाढ़ के पीछे का कारण

विशेषज्ञों का मानना है कि यह आपदा केवल प्राकृतिक नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन और मानवीय लापरवाही का नतीजा है। नदियों की सफाई में कोताही, बाढ़ के मैदानों पर अतिक्रमण और जल प्रबंधन की असफलताएं इस आपदा को और भयानक बना रही हैं।

IMD (भारतीय मौसम विज्ञान विभाग) ने अगले दो दिनों तक और बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। सरकार ने विशेष "गिरदावरी" (फसल नुकसान सर्वे) का आदेश दिया है, जो जलस्तर घटने के बाद शुरू किया जाएगा।

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