

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में छापेमारी की। यह छापेमारी कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई। अधिकारियों का कहना है कि नए सबूत मिलने के बाद भिलाई शहर में चैतन्य बघेल के घर पर तलाशी ली गई, जहां वे अपने पिता के साथ रहते हैं।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (फाइल फोटो)
New Delhi: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के ठिकानों पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में छापेमारी की। यह कार्रवाई कथित शराब घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में की गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, अधिकारियों के अनुसार, भिलाई शहर में चैतन्य बघेल के घर पर यह छापेमारी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई। अधिकारियों ने बताया कि इस छापेमारी में नए साक्ष्य मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई।
भूपेश बघेल का बयान
इस छापेमारी के बाद छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा की। उन्होंने अपने पोस्ट में बताया कि ईडी ने विधानसभा सत्र के आखिरी दिन उनके भिलाई स्थित आवास पर छापा मारा। यह पोस्ट चैतन्य बघेल के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के संदर्भ में उनके पिता के द्वारा दी गई प्रतिक्रिया थी।
क्या है शराब घोटाला?
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला एक बड़े विवाद का हिस्सा बन चुका है। जिसमें राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ है। ईडी का मानना है कि इस घोटाले के कारण राज्य को 2,100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। जांच एजेंसी के अनुसार, इस घोटाले से शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों को बड़ा फायदा हुआ है। ईडी ने पहले ही यह खुलासा किया था कि चैतन्य बघेल पर इस मामले में आपराधिक आय हासिल करने का संदेह है। उनका नाम इस मामले में संदिग्ध रूप से जुड़ा हुआ है और छापेमारी के दौरान यह संदिग्ध आय के साक्ष्य जुटाने के लिए की गई है।
चैतन्य बघेल पर आरोप
ईडी द्वारा की गई पिछली छापेमारी में चैतन्य बघेल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए गए थे। जांच एजेंसी ने कहा था कि चैतन्य ने शराब घोटाले से प्राप्त धन को अपने लाभ के लिए इस्तेमाल किया। चैतन्य बघेल के खिलाफ आरोप हैं कि उन्होंने इस घोटाले में आपराधिक आय को सफाई (money laundering) करने की कोशिश की। चैतन्य और उनके सहयोगियों द्वारा इस मामले में संदिग्ध वित्तीय लेन-देन की जांच की जा रही है, जिससे यह मामला अधिक जटिल बनता जा रहा है।
पिछली छापेमारी और नए सबूतों की प्राप्ति
इस साल मार्च में ईडी ने चैतन्य बघेल के खिलाफ पहली छापेमारी की थी। अब ताजा जांच में नए साक्ष्य मिलने के बाद इस छापेमारी को अंजाम दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़े वित्तीय दस्तावेज और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं, जो आगे चलकर इस मामले की गहराई को और स्पष्ट करेंगे।