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दिल्ली कार ब्लास्ट की जांच में प्रवर्तन और सुरक्षा एजेंसियों को नया सबूत मिला है। आतंकवादी उमर द्वारा धमाके से पहले रिकॉर्ड किया गया एक वीडियो, जिसमें वह सीधे तौर पर आत्मघाती हमलों की पैरवी करते दिख रहा है, हाथ लगा है। जांच अधिकारियों के अनुसार यह वीडियो खुद उमर ने घटना से पहले बनाया था।
आतंकी उमर का वीडियो वायरल
New Delhi: दिल्ली कार ब्लास्ट मामले की जांच में एक नयी तह सामने आई है। सुरक्षा और जांच एजेंसियों को मुख्य आरोपी डॉ. उमर, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला है, उसके द्वारा धमाके से पहले रिकॉर्ड किया गया एक सनसनीखेज वीडियो मिला है। इस वीडियो को पाकर मामला और गंभीर हो गया है, क्योंकि उसमें उमर सीधे तौर पर आत्मघाती हमलों की पैरवी करते दिख रहा है।
जांच अधिकारियों के अनुसार यह वीडियो खुद उमर ने घटना से पहले बनाया था। एजेंसियों का मानना है कि इस वीडियो में उसकी विचारधारा, आत्मघाती हमलों के प्रति उसकी मानसिकता और योजनाबद्ध चरित्र साफ झलकता है। एजेंसियां इस वीडियो को अहम सबूत मान रही हैं, क्योंकि यह उमर की दीर्घकालीन तैयारी और कट्टरपंथी मानसिकता को प्रमाणित करता है।
दिल्ली में लाल किला के पास हुए कार धमाके से पहले, आतंकी उमर द्वारा बनाया गया एक वीडियो सामने आया है। @DelhiPolice #delhiblast #redfort #delhicarblast #terroristOmar pic.twitter.com/8F46mzMjok
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) November 18, 2025
वायरल हो रहे वीडियो में आतंकी उमर एक कमरे में बैठा हुआ है। वो कहता दिख रहा है कि सबसे बड़ी गलती यह है कि लोग यह समझ ही नहीं पाते कि आत्मघाती बमबारी वास्तव में क्या होती है। यह किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं हो सकती। जब कोई व्यक्ति यह मान लेता है कि वह किसी निश्चित समय पर मरने जा रहा है, तो वह खतरनाक मानसिकता में प्रवेश कर जाता है। उसे लगता है कि मौत ही उसकी एकमात्र मंज़िल है।
इसके अलावा, उसने इस बात पर भी जोर दिया कि लोकतांत्रिक और मानवीय व्यवस्था में इस तरह की सोच को स्वीकार करना नामुमकिन है, क्योंकि यह जीवन, समाज और कानून के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
जांच के दौरान उमर की मां ने भी महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें लंबे समय से संदेह था कि उनका बेटा कट्टरपंथ की ओर प्रवृत्त हो गया है। धमाके से पहले उमर ने परिवार को कह दिया था कि वे उसे फोन न करें। इसके बावजूद, परिवार ने उसकी बदलती मानसिकता के बारे में पुलिस या किसी सुरक्षा एजेंसी को पहले कभी सूचना नहीं दी थी।
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उमर पेशे से डॉक्टर था, लेकिन एजेंसियों के अनुसार वह जैश-ए-मोहम्मद के एक मॉड्यूल से गुप्त रूप से सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ था। इससे पहले पुलिस ने उसकी गैंग के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर लगभग 2,900 किलो विस्फोटक बरामद किया था।
वहीं दूसरी तरफ, आज मंगलवार को दिल्ली ब्लास्ट मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार सुबह बड़ा कदम उठाते हुए अल-फलाह ट्रस्ट और अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। यह कार्रवाई ओखला, जामिया नगर, ओखला विहार से लेकर फरीदाबाद के सेक्टर-22 स्थित यूनिवर्सिटी कैंपस तक फैली रही, जहां सुबह से ही ईडी की कई टीमें सक्रिय नजर आईं।