Delhi Blast: जानिए क्या है ‘शू-बम’, जिसका डॉ. उमर ने किया लाल किला ब्लास्ट में किया था इस्तेमाल

दिल्ली लाल किला ब्लास्ट की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। फिदायीन हमलावर डॉ. उमर पर ‘शू-बम’ का इस्तेमाल करने का शक गहरा गया है। उसके जूते से TATP और अमोनियम नाइट्रेट के ट्रेस मिले हैं। जाने पूरी जांच, मोबाइल-सिम कनेक्शन और 9 दिनों की गुत्थी।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 18 November 2025, 9:15 AM IST
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New Delhi: लाल किला के पास 10 नवंबर को हुए भीषण बम धमाके की जांच गहराती जा रही है। इस हमले में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं। जांच एजेंसियों ने अब एक बड़ा सुराग ढूंढ निकाला है, जिससे यह शक गहरा हो गया है कि फिदायीन हमलावर डॉ. उमर ने ‘शू-बम’ यानी जूते में छिपाए बम से धमाका किया था।

जूते से मिले TATP और अमोनियम नाइट्रेट के निशान

जांच टीम ने उमर की आई-20 कार से एक जूता बरामद किया है। एफएसएल जांच में इस जूते से अमोनियम नाइट्रेट और TATP जैसे खतरनाक विस्फोटकों के ट्रेस मिले हैं। जूता ड्राइवर सीट के नीचे, दाहिनी तरफ टायर के पास मिला, जिससे जांच एजेंसियों ने इसे प्राथमिक सुराग माना है।

टीएटीपी इतना शक्तिशाली और संवेदनशील है कि हल्की गर्मी या रगड़ से भी विस्फोट हो सकता है। इसी वजह से आतंकी संगठनों में इसे “शैतान की मां (Mother of Satan)” कहा जाता है।

क्या जूते में छिपा था धमाके का मैकेनिज्म?

जांच अधिकारियों का मानना है कि उमर ने अपने जूते में विस्फोटक सर्किट फिट किया था। मौके से मिली विस्फोट सामग्री से यह संकेत मिलता है कि जूते से ही स्पार्क किया गया और बम सक्रिय हुआ।

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दिल्ली लाल किला ब्लास्ट (img source: google)

नेपाल और कानपुर से खरीदे गए मोबाइल फोन और सिम कार्ड

  • हमले में जिन मोबाइलों और सिमकार्ड का उपयोग किया गया, उनकी खरीदारी बिल्कुल गुप्त तरीके से की गई थी।
  • नेपाल से खरीदे गए 6 पुराने मोबाइल फोन
  • इनके लिए 17 सिम कार्ड, जिनमें 6 सिम यूपी के कानपुर (बेकनगंज) के व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड मिले
  • जांच एजेंसियां अब इस चैन के हर लिंक को खंगाल रही हैं।

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हमले से एक घंटे पहले तक इन डॉक्टरों से संपर्क में था उमर

जांच में पता चला है कि धमाके से ठीक एक घंटे पहले तक उमर इनसे संपर्क में था:

  • डॉ. परवेज
  • डॉ. मोहम्मद आरिफ
  • डॉ. फारूक अहमद डार
  • डॉ. परवेज, अल-फलाह यूनिवर्सिटी से गिरफ्तार डॉ. शाहीन सईद का भाई बताया गया है।

उमर 9 दिनों तक कहां गायब था?

जांच एजेंसियों के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि 30 अक्टूबर से 9 नवंबर के बीच उमर आखिर कहां था?
इस अवधि की कोई स्पष्ट लोकेशन फुटेज नहीं मिली।

हालांकि:

  • 29 और 30 अक्टूबर
  • 9 और 10 नवंबर

इन चार दिनों में उमर की फरीदाबाद–दिल्ली रूट पर करीब 50 CCTV कैमरों में मौजूदगी मिली है। कुछ फुटेज में वह मास्क पहने दिखा, बाकी जगह बिना मास्क के नज़र आया।

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दो मोबाइल और पांच सिम का इस्तेमाल

धमाके से पहले उमर ने दो मोबाइल फोन और पांच सिमकार्ड एक्टिव रूप से इस्तेमाल किए। दोनों फोन अभी तक बरामद नहीं हुए हैं।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 18 November 2025, 9:15 AM IST