हिंदी
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल और लाल किला ब्लास्ट केस की जांच के दौरान रोहतक की डॉक्टर प्रियंका शर्मा को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। परिवार ने किसी भी आतंकी संपर्क से इनकार किया है, जबकि एजेंसियां उनके फोन और कॉल रिकॉर्ड की फोरेंसिक जांच कर रही हैं।
दिल्ली बम ब्लास्ट
Haryana: फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल और लाल किले ब्लास्ट मामले की जांच में तेज़ी के साथ नए खुलासे सामने आ रहे हैं। इसी सिलसिले में रविवार देर शाम जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग से रोहतक की रहने वाली डॉक्टर प्रियंका शर्मा को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। जांच एजेंसियों की इस कार्रवाई के बाद, अब प्रियंका शर्मा के परिवार की प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें उन्होंने किसी भी आतंकी संपर्क से साफ इनकार किया है। हालांकि, पूछताछ के बाद डॉ. प्रियंका शर्मा को छोड़ दिया गया।
प्रियंका शर्मा के भाई भारत शर्मा ने बताया कि बहन से उनकी आखिरी बार रविवार रात करीब 9 बजे बात हुई थी। उसके बाद से कोई संपर्क नहीं हुआ। इसके बाद परिजनों ने प्रियंका की रूममेट से बात की थी, तब पता चला कि जांच एजेंसी उसे पूछताछ के लिए ले गई। प्रियंका के भाई भारत शर्मा ने साफ कहा कि न तो उनका परिवार और न ही प्रियंका का किसी भी स्तर पर आदिल या किसी आतंकी नेटवर्क से कोई संबंध है।
Delhi Car Blast: दिल्ली में ब्लास्ट हुई i20 कार का मालिक ऐसे आया NIA के घेरे में
भारत शर्मा ने बताया कि उनकी बहन जम्मू-कश्मीर में पीएचडी कर रही है और वहीं एक कॉलेज के हॉस्टल में रहती है। पूछताछ के दौरान एजेंसी ने उसका मोबाइल फोन अपने कब्जे में ले लिया था। प्रियंका शर्मा के सीनियर डॉक्टर आदिल रह चुके हैं, इस वजह से दोनों की बातचीत होती थी। यही कारण था कि प्रियंका को पुलिस ने पूछताछ के लिए उठाया था।
परिवार ने यह भी बताया कि प्रियंका रोजाना रात को घर वालों से वीडियो कॉल पर बात करती है और उसकी दिनचर्या बिल्कुल सामान्य रहती है। वह झज्जर के डीघल में मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत है और मेडिसिन में एमडी करने के लिए जम्मू-कश्मीर गई है। आतंकी आदिल या उसके किसी नेटवर्क से हमारा कोई भी रिश्ता नहीं है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस टीम ने अनंतनाग के मलकनाग इलाके में एक किराए के फ्लैट पर छापा मारकर प्रियंका शर्मा को हिरासत में लिया था। एजेंसी ने वहां से बरामद मोबाइल फोन और सिम कार्ड को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा था। हालांकि, कोई सबूत नहीं मिलने पर प्रियंका को छोड़ दिया गया।