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दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय ने अल-फलाह ट्रस्ट और अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी फंडिंग में अनियमितताओं से जुड़े PMLA केस के तहत की गई है। जांच एजेंसी ने कई दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और वित्तीय रिकॉर्ड कब्जे में लिए हैं।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी
New Delhi: दिल्ली ब्लास्ट मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार सुबह बड़ा कदम उठाते हुए अल-फलाह ट्रस्ट और अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। यह कार्रवाई ओखला, जामिया नगर, ओखला विहार से लेकर फरीदाबाद के सेक्टर-22 स्थित यूनिवर्सिटी कैंपस तक फैली रही, जहां सुबह से ही ईडी की कई टीमें सक्रिय नजर आईं।
सूत्रों के अनुसार, ED ने अल-फलाह ट्रस्ट के ओखला स्थित मुख्यालय, यूनिवर्सिटी कैंपस और प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों के निजी आवासों पर एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाया। एजेंसी को संदेह है कि संस्थान से जुड़े व्यक्तियों ने बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ियां की हैं और कई लेनदेन संदिग्ध पाए गए हैं। इसी कड़ी में दस्तावेजों, बैंक रिकॉर्ड और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ की गहन जांच की जा रही है।
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जांच टीमों ने मौके से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, लैपटॉप, हार्ड डिस्क, मोबाइल फोन और वित्तीय रिकॉर्ड कब्जे में लिए हैं। सूत्रों का मानना है कि इन डिजिटल डिवाइसों से कई महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं, जो मनी लॉन्ड्रिंग के नेटवर्क और संदिग्ध फंडिंग स्रोतों को उजागर करेंगे। एजेंसी ने यह भी संकेत दिया है कि छापेमारी का दायरा बढ़ाया जा सकता है और शाम तक और आने वाले दिनों में और भी ठिकानों पर दबिश डाली जा सकती है।
कार्रवाई के दौरान दिल्ली पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी है। आसपास के क्षेत्रों में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी तरह की अफवाह या तनाव की स्थिति न बने। अभी तक किसी गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक जांच की रफ्तार देखते हुए आने वाले दिनों में बड़े खुलासे संभव हैं।
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कुछ महीनों पहले ED ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी और अल-फलाह ट्रस्ट के संचालकों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया था। आरोप है कि ट्रस्ट और यूनिवर्सिटी के नाम पर करोड़ों रुपये की संदिग्ध फंडिंग की गई। इसके अलावा, एजेंसी को विदेशी दान (FCRA) नियमों के उल्लंघन, अवैध फंड के इस्तेमाल और संपत्तियों के अनुचित लेनदेन की भी जानकारी मिली थी।
ED को शक है कि इन संस्थानों के जरिए काले धन को वैध दिखाने के लिए जटिल वित्तीय नेटवर्क का इस्तेमाल किया गया। जांच में ट्रस्ट से जुड़े कई लेनदेन और डोनेशन पैटर्न संदेह के घेरे में हैं, जिनकी विस्तृत जांच की जा रही है।