

दिल्ली एयरपोर्ट पर नवंबर 2023 में हुई ‘नियर मिस’ घटना की जांच पूरी हो गई है। रिपोर्ट में सामने आया कि ATC की गलतियों और काम के दबाव के कारण दो विमानों की खतरनाक टक्कर टलते-टलते बची। सुधार की सिफारिशें जारी।
AAIB की रिपोर्ट में खुलासा (सोर्स- इंटरनेट)
New Delhi: 10 नवंबर 2023 को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर घटी एक खतरनाक ‘नियर मिस’ (टक्कर से बचाव) घटना की एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने जांच पूरी कर ली है। इस जांच में सामने आया है कि एक रनवे पर टेकऑफ कर रही इथियोपियन एयरलाइंस की फ्लाइट और दूसरे रनवे पर लैंडिंग करने की कोशिश कर रही विस्तारा की फ्लाइट के बीच टक्कर होते-होते बची।
जांच रिपोर्ट ने कई चौंकाने वाली बातें उजागर की हैं, जिसमें एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (ATC) की गलती और भारी काम के दबाव को घटना का मुख्य कारण बताया गया है।
इथियोपियन एयरलाइंस की एक बोइंग 787 फ्लाइट रनवे 29R से उड़ान भरने की तैयारी में थी, वहीं विस्तारा की एयरबस A320 रनवे 29L पर लैंड करने वाली थी। उसी समय तेज हवा के झोंकों के कारण विस्तारा को मिस्ड अप्रोच (go-around) करना पड़ा, जिससे वह दोबारा हवा में चढ़ गई।
दोनों विमानों की दूरी इतनी कम हो गई कि उनके ट्रैफिक कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम (TCAS) ने दो बार चेतावनी दी और पायलटों को अलग-अलग दिशाओं में मोड़ने के निर्देश दिए। इसी अलर्ट की वजह से टक्कर टली।
सोर्स- इंटरनेट
AAIB की रिपोर्ट बताती है कि जिस वक्त यह घटना हुई, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर पर ‘कॉग्निटिव ओवरलोड’ यानी मानसिक दबाव बहुत अधिक था। कंट्रोलर कई विमानों को एक साथ मॉनिटर कर रहे थे और इस वजह से उनके फैसले समय पर नहीं हो पाए।
रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि कंट्रोलर की सिचुएशनल अवेयरनेस (स्थिति को समझने की क्षमता) में कमी थी। कंट्रोलर ने विस्तारा की लैंडिंग रद्द होते ही इथियोपियन फ्लाइट को टेकऑफ की अनुमति वापस नहीं ली, जो कि करना ज़रूरी था।
इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर उस समय तीन रनवे (29L, 29R और 27) सक्रिय थे। खराब मौसम, हवा के झोंके और रनवे पर ट्रैफिक के कारण स्थिति पहले से ही चुनौतीपूर्ण थी। हर फ्लाइट की स्थिति एक-दूसरे पर निर्भर हो गई थी, जिससे सुरक्षा का खतरा और बढ़ गया।
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जब विस्तारा फ्लाइट ने गो-अराउंड किया, तब इथियोपियन फ्लाइट अभी टेकऑफ पोजीशन पर थी। यदि कंट्रोलर ने उसी समय टेकऑफ कैंसल कर दिया होता, तो खतरा कम हो सकता था। बाद में, कंट्रोलर ने विस्तारा से उसकी ऊंचाई की पुष्टि करने के बजाय इथियोपियन फ्लाइट को गलत दिशा में मोड़ने का निर्देश दे दिया। इससे विमानों की दूरी और कम हो गई।
रिपोर्ट के अंत में AAIB ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को कई सुधारात्मक कदम सुझाए हैं:
1. एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स पर काम का बोझ कम किया जाए
2. बेहतर ट्रेनिंग प्रोग्राम लागू हों
3. सिचुएशनल अवेयरनेस के लिए सिमुलेशन आधारित रिफ्रेशर कोर्स अनिवार्य हों
4. संकट के समय तुरंत निर्णय लेने के लिए तकनीकी सपोर्ट सिस्टम को अपग्रेड किया जाए