

दिवाली पर अब पूजा-पाठ का तरीका बदल रहा है। लोग घर बैठे ऑनलाइन पंडित बुक कर रहे हैं, वर्चुअल आरती में शामिल हो रहे हैं और मंदिरों का लाइव दर्शन कर रहे हैं। तकनीक ने परंपराओं को नया डिजिटल रूप दे दिया है।
ऑनलाइन दिवाली पूजा
New Delhi: दिवाली के त्योहार में लक्ष्मी-गणेश की पूजा का विशेष महत्व होता है। हर साल लोग घर की सफाई, सजावट और पूजा की तैयारी बड़े उत्साह से करते हैं। लेकिन इस बार का नज़ारा थोड़ा अलग है। अब पूजा केवल घर या मंदिर तक सीमित नहीं रही, बल्कि स्मार्टफोन और इंटरनेट के ज़रिए डिजिटल हो गई है।
आजकल लोग मोबाइल ऐप और वेबसाइट के ज़रिए ऑनलाइन पूजा सेवाएं ले रहे हैं। “BookMyPuja”, “MyPandit” और “OnlinePuja.com” जैसे प्लेटफॉर्म्स पर अब पंडित जी कुछ ही क्लिक में बुक हो जाते हैं। वीडियो कॉल या लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से वे पूरे विधि-विधान से पूजा करवाते हैं। श्रद्धालु अपने घर के मंदिर में बैठकर वही मंत्र, वही परंपरा और वही आस्था महसूस करते हैं, जो सामने बैठकर होती है।
कोरोना महामारी के बाद से डिजिटल पूजा का चलन तेजी से बढ़ा है। लॉकडाउन के दौरान जब मंदिर बंद थे और सामूहिक पूजा पर रोक थी, तब लोगों ने तकनीक का सहारा लिया। यही चलन अब स्थायी रूप ले चुका है। कई पंडितों ने अपने सोशल मीडिया पेज और यूट्यूब चैनल बना लिए हैं, जहां से वे भक्तों को लाइव पूजा और आरती का प्रसारण दिखाते हैं।
दिवाली पर डिजिटल पूजा का बढ़ता क्रेज
वाराणसी, उज्जैन, द्वारका और तिरुपति जैसे बड़े मंदिरों ने भी अपने यूट्यूब चैनल या मोबाइल ऐप के ज़रिए लाइव दर्शन और वर्चुअल आरती की सुविधा शुरू की है। इससे देश-विदेश में बैठे भक्त घर बैठे ही दिवाली की आरती का आनंद ले सकते हैं। अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में बसे एनआरआई भारतीयों के बीच यह सुविधा काफी लोकप्रिय हो रही है।
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ऑनलाइन पूजा न केवल सुविधा दे रही है, बल्कि धार्मिक परंपराओं को नए युग में जीवित भी रख रही है। जहां पहले व्यस्त शेड्यूल या दूरी के कारण लोग पूजा नहीं कर पाते थे, वहीं अब कुछ मिनटों में पंडित बुक करना और पूजा करवाना संभव हो गया है।
हालांकि कुछ लोग इसे परंपरा से दूर जाने वाला कदम मानते हैं, लेकिन अधिकांश लोगों का मानना है कि तकनीक ने पूजा को और सुलभ बना दिया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने उन लोगों को भी जोड़ा है जो किसी कारणवश मंदिर नहीं जा पाते।
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इस दिवाली, जब चारों ओर दीयों की रोशनी फैलेगी, तब घरों के साथ-साथ मोबाइल स्क्रीन पर भी आरती की लौ जलती दिखाई देगी। यह तस्वीर बताती है कि भक्ति और तकनीक का संगम अब हमारी परंपराओं का हिस्सा बन चुका है।