Health Tips: एक्सरसाइज कैसे करती है कैंसर के इलाज में मदद?, जानें इसके 10 बड़े फायदे

कैंसर का इलाज एक कठिन और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया होती है, जिसमें कीमोथेरपी, रेडिएशन और सर्जरी जैसी प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ता है। पढ़िए डाइनामइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 16 May 2025, 5:03 PM IST
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नई दिल्ली: कैंसर का इलाज एक कठिन और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया होती है, जिसमें कीमोथेरपी, रेडिएशन और सर्जरी जैसी प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ता है। इस दौरान शरीर में कमजोरी, थकान और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं आम होती हैं। ऐसे में एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करना न सिर्फ शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी मददगार साबित हो सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित एक्सरसाइज करने से न सिर्फ शरीर की क्षमता बढ़ती है, बल्कि इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है, जिससे कैंसर के इलाज के साइड इफेक्ट्स कम होते हैं। इसके अलावा, यह मानसिक तनाव को कम कर मरीज की सकारात्मकता को भी बनाए रखती है। आइए जानते हैं कैंसर के इलाज के दौरान एक्सरसाइज के 10 बड़े फायदे:

थकान में कमी लाता है

कैंसर के मरीजों को अक्सर अत्यधिक थकान का सामना करना पड़ता है। एक्सरसाइज करने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, जिससे थकान में कमी आती है।

इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है

नियमित शारीरिक गतिविधि से इम्यून सिस्टम बेहतर तरीके से कार्य करता है, जिससे संक्रमण का खतरा कम होता है।

मूड में सुधार करता है

एक्सरसाइज करने से एंडोर्फिन जैसे 'फील-गुड' हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जो अवसाद और चिंता को कम करने में मदद करता है।

मांसपेशियों को मजबूत बनाता है

इलाज के दौरान मांसपेशियों में कमजोरी आ सकती है। हल्की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

रक्त संचार को बेहतर बनाता है

कार्डियो एक्सरसाइज जैसे वॉकिंग, साइक्लिंग से रक्त संचार में सुधार होता है, जिससे शरीर के विभिन्न हिस्सों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व आसानी से पहुंचते हैं।

नींद की गुणवत्ता बढ़ाता है

एक्सरसाइज करने से शरीर को थकान महसूस होती है, जिससे गहरी और अच्छी नींद आती है।

वजन को नियंत्रित रखता है

कैंसर के इलाज के दौरान वजन में उतार-चढ़ाव सामान्य है। एक्सरसाइज वजन को नियंत्रित रखने में सहायक होती है।

हड्डियों की मजबूती बढ़ती है

रेगुलर वेट-बियरिंग एक्सरसाइज से हड्डियों का घनत्व बढ़ता है, जिससे फ्रैक्चर का खतरा कम होता है।

आत्मविश्वास में वृद्धि होती है

शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से मरीज को अपने स्वास्थ्य पर नियंत्रण का अनुभव होता है, जिससे आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

जीवन की गुणवत्ता में सुधार

नियमित एक्सरसाइज से शरीर मजबूत और मानसिक स्थिति संतुलित रहती है, जिससे मरीज की जीवन गुणवत्ता बेहतर होती है।

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