

भाद्रपद पूर्णिमा पर साल का अंतिम चंद्र ग्रहण आज रात 9:58 बजे शुरू होगा। यह खग्रास चंद्र ग्रहण भारत समेत कई देशों में दिखाई देगा। जानिए इसका सूतक काल, ग्रहण समय, सावधानियां और ग्रहण के बाद करने योग्य उपाय।
साल का अंतिम चंद्र ग्रहण आज (Img: Google)
New Delhi: साल 2025 का अंतिम चंद्र ग्रहण आज यानी भाद्रपद पूर्णिमा पर लगने जा रहा है। यह चंद्र ग्रहण एक खग्रास चंद्र ग्रहण होगा, जो कुंभ राशि और पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में घटित होगा। ज्योतिषीय दृष्टि से यह ग्रहण विशेष महत्व रखता है क्योंकि इस समय धृति योग भी बन रहा है। इस ग्रहण को भारत समेत एशिया, ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी अफ्रीका और यूरोप में देखा जा सकेगा। वहीं दक्षिणी और उत्तरी अमेरिका में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा।
दृक पंचांग के अनुसार, आज रात 9 बजकर 58 मिनट पर ग्रहण शुरू होगा और 8 सितंबर को रात 1 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा। उपच्छाया (छाया का वह हल्का, धुंधला बाहरी क्षेत्र होता है जहाँ प्रकाश स्रोत को केवल आंशिक रूप से ढका जाता है, जिससे आंशिक ग्रहण या हल्का धब्बा दिखाई देता है) से पहला स्पर्श रात 8 बजकर 59 मिनट पर होगा, जबकि प्रच्छाया (प्रकाश के रास्ते में आने वाली किसी अपारदर्शी वस्तु द्वारा रोके गए प्रकाश का वह सबसे गहरा और पूरी तरह से अंधकारमय भाग) से पहला स्पर्श 9 बजकर 58 मिनट पर होगा। खग्रास ग्रहण की शुरुआत रात 11 बजकर 1 मिनट पर होगी। इसका परमग्रास 11 बजकर 42 मिनट पर होगा और समापन रात 12 बजकर 22 मिनट पर होगा। ग्रहण का अंतिम स्पर्श रात 1 बजकर 26 मिनट पर होगा, जबकि उपच्छाया का अंतिम स्पर्श तड़के 2 बजकर 24 मिनट पर होगा।
चंद्र ग्रहण 2025 (Img: Google)
चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण प्रारंभ होने से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इस बार सूतक काल 7 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से प्रारंभ होकर 8 सितंबर को ग्रहण समाप्ति तक रहेगा। हालांकि बालक, वृद्ध, गर्भवती महिलाओं और अस्वस्थ लोगों पर सूतक काल के नियम लागू नहीं होते। इनके लिए सूतक शाम 6 बजकर 36 मिनट से माना जाएगा।
क्या होता है सूतक काल? जानें ग्रहण के दौरान क्या है महत्व
सूतक काल में शुभ कार्य, भोजन बनाना, खाना, स्नान, दान, सोना और पूजा-पाठ जैसे कार्यों से परहेज करना चाहिए। मान्यता है कि इस समय नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। परंतु बालक, वृद्ध, गर्भवती महिलाएं और बीमार व्यक्तियों को इस नियम से छूट दी जाती है।
साल 2025 का अंतिम चंद्र ग्रहण आज भाद्रपद पूर्णिमा पर लगेगा।
यह खग्रास चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में होगा। रात 9:58 बजे शुरू होकर 1:26 बजे समाप्त होगा। भारत, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और अफ्रीका में दिखेगा। सूतक काल 7 सितंबर दोपहर 12:35 बजे से शुरू होगा।… pic.twitter.com/6TvowwME56
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 7, 2025
ग्रहण समाप्त होने के बाद घर और पूजा स्थल की सफाई करना आवश्यक माना गया है। इसके बाद स्नान कर साफ कपड़े पहनें और पूजा करें। ग्रहण के समय पहने गए कपड़े अलग कर साफ कर दें। भोजन, दूध, जूस आदि में तुलसी के पत्ते डालकर ग्रहण करें ताकि ग्रहण का दुष्प्रभाव दूर हो। फिर भगवान को भोग अर्पित करें।
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इस चंद्र ग्रहण का वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों दृष्टिकोण से विशेष महत्व है। यह समय आत्मचिंतन, पूजा और संयम का माना जाता है। सावधानी और विधि का पालन कर आप ग्रहण के प्रभाव से बच सकते हैं और इसके शुभ परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। दुनिया भर में इसे देखने वालों की संख्या अधिक रहेगी, ऐसे में यह खगोलीय घटना चर्चा का विषय बनी रहेगी।