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पंजाब यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए ओपन और रिजर्व कैटेगरी सीटों का अलग-अलग प्रतिशत तय है। 55.5% सीटें मेरिट आधारित ओपन कैटेगरी के लिए होती हैं, जबकि 44.5% सीटें SC, ST, OBC, दिव्यांग, स्पोर्ट्स कोटा, फ्रीडम फाइटर और अन्य आरक्षण समूहों में बांटी जाती हैं।
पंजाब विश्वविद्यालय आरक्षण नीति (सोर्स- गूगल)
Chandigarh: पंजाब यूनिवर्सिटी में दाखिला लेना हर साल हजारों छात्रों का सपना होता है। देश की टॉप यूनिवर्सिटियों में शुमार इस संस्थान में पढ़ाई की गुणवत्ता, रैंकिंग और करियर स्कोप इसे छात्रों की पहली पसंद में शामिल करता है। लेकिन एडमिशन के समय सबसे ज़्यादा उलझन इसी बात को लेकर होती है कि किस श्रेणी में कितनी सीटें मिलती हैं और आरक्षण किन-किन उम्मीदवारों को लाभ देता है। यूनिवर्सिटी ने अपनी स्पष्ट और सख्त पॉलिसी बनाई है, जिसे समझना हर अभ्यर्थी के लिए जरूरी है।
पंजाब यूनिवर्सिटी हर कोर्स में सीटों को दो हिस्सों में बांटती है पहला ओपन कैटेगरी सीटें और दूसरा रिजर्व कैटेगरी सीटें। यूनिवर्सिटी के नियमों के मुताबिक किसी भी कोर्स की कुल सीटों में से 55.5% सीटें ओपन कैटेगरी के लिए होती हैं। इन सीटों पर किसी प्रकार का आरक्षण लागू नहीं होता। इन्हें पूरी तरह मेरिट के आधार पर भरा जाता है। वहीं 44.5% सीटें रिजर्व कैटेगरी के लिए रखी जाती हैं। इन सीटों को आगे विभिन्न समूहों में बांटा गया है। उद्देश्य यह है कि समाज के हर वर्ग को समान अवसर मिले।
SC के लिए 15% सीटें
आरक्षण श्रेणियों में सबसे बड़ा हिस्सा अनुसूचित जाति (SC) को मिलता है। कुल सीटों में से 15% सीटें SC छात्रों के लिए आरक्षित होती हैं।
ST के लिए 7.5% सीटें
अनुसूचित जनजाति (ST) कैटेगरी को 7.5% सीटें मिलती हैं।
इन दोनों कैटेगरी के लिए विशेष नियम भी हैं
1. जहां न्यूनतम अंक तय होते हैं, वहां 5% तक की छूट दी जाती है।
2. यह छूट छात्रों को योग्य बनने में मदद करती है।
3. MBBS जैसे कोर्स में यह छूट लागू नहीं होती।
4. अगर SC/ST की सीटें खाली रह जाएं, तो इन्हीं कैटेगरी के छात्रों को अतिरिक्त छूट देकर सीटें भरने का प्रयास किया जाता है।
पिछड़ी जाति (OBC/Backward Classes) के लिए कुल 5% सीटों का प्रावधान है। यदि किसी कोर्स में न्यूनतम अंक जरूरी हैं तो इन्हें भी 5% की छूट दी जा सकती है। इस सुविधा का उद्देश्य है कि सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को समान अवसर मिले।
पंजाब यूनिवर्सिटी (सोर्स- गूगल)
पंजाब यूनिवर्सिटी दिव्यांग छात्रों के लिए 3% सीटें आरक्षित करती है। इन सीटों का लाभ उन्हीं छात्रों को मिलता है जिनकी विकलांगता कम से कम 40% है और यह मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रमाणित हो।
इसके भीतर भी आरक्षण का विशेष प्रावधान है। जैसे 1% सीटें दृष्टिबाधित (Blind/Low Vision) छात्रों के लिए आरक्षित रहती हैं।इन छात्रों को ओपन कैटेगरी मेरिट में भी ५% अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं। इससे उनकी रैंकिंग बेहतर होती है।
खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों के लिए भी पंजाब यूनिवर्सिटी 5% स्पोर्ट्स कोटा प्रदान करती है। यह सुविधा उन छात्रों को मिलती है जिन्होंने राज्य स्तर, राष्ट्रीय स्तर या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल उपलब्धियां हासिल की हों। यह कोटा उन छात्रों को पढ़ाई और खेल दोनों में आगे बढ़ने का अवसर देता है।
यह आरक्षण उन परिवारों के लिए है जिनके सदस्य सेना, CRPF, BSF और पुलिस में नौकरी करते हुए शहीद हो गए हों या ड्यूटी के दौरान घायल होकर अक्षम हुए हों। इन 5% सीटों को 7 श्रेणियों में बांटा गया है, जिसमें शहीदों के बच्चों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है।
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पंजाब यूनिवर्सिटी उन परिवारों को भी राहत देती है जो 1984 के दंगे या आतंकवाद की घटनाओं से प्रभावित हुए हैं। इनके लिए 2% सीटें आरक्षित हैं। पात्र अभ्यर्थियों को जिला मजिस्ट्रेट से प्रमाण पत्र लाना होता है।
स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चे या पोते-पोतियां भी 2% आरक्षण के हकदार होते हैं, बशर्ते परिवार को सरकारी मान्यता या पेंशन मिली हो।