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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग गुरुवार को बुसान में मिलेंगे। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे ट्रेड वॉर को खत्म करने की दिशा में अहम मानी जा रही है। बैठक में टैरिफ, व्यापार समझौता और फेंटानिल उत्पादन जैसे मुद्दों पर चर्चा संभव है।
ट्रंप और जिनपिंग की छह साल बाद मुलाकात तय
Busan: अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चली आ रही आर्थिक खींचतान अब धीरे-धीरे सुलझने की दिशा में बढ़ती नजर आ रही है। गुरुवार, 30 अक्टूबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दक्षिण कोरिया के बुसान में मुलाकात करेंगे। यह बैठक दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर शुरू होने के बाद पहली बार हो रही है और इसलिए इसे काफी अहम माना जा रहा है।
ट्रंप ने मुलाकात से कुछ घंटे पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, “मैं चीन के राष्ट्रपति शी के साथ होने वाली बैठक का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। यह कुछ ही घंटों में होगी।” उनके इस बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हलचल देखी गई और विशेषज्ञों ने इस मीटिंग को दोनों देशों के संबंध सुधारने की दिशा में बड़ा कदम बताया।
ट्रंप ने इससे पहले एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन में कहा था कि अमेरिका और चीन के बीच होने वाला संभावित व्यापार समझौता दोनों देशों के लिए “फायदेमंद” साबित होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि “कूटनीति और बातचीत किसी भी तरह के विवाद या तनाव से बेहतर होती है।”
President Donald J. Trump meets with Chinese President Xi Jinping in South Korea.
"I think we're going to have a fantastic relationship for a long period of time, and it is an honor to have you with us." pic.twitter.com/ISpVBzkvN3
— The White House (@WhiteHouse) October 30, 2025
इस बयान को चीन के प्रति ट्रंप के रुख में नरमी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
छह साल बाद आमने-सामने होंगे ट्रंप और जिनपिंग
राष्ट्रपति ट्रंप और शी जिनपिंग की यह मुलाकात दक्षिण कोरिया के शहर बुसान में हो रही है, जो ग्योंगजू से लगभग 85 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। दोनों नेताओं के बीच यह बैठक न केवल व्यापारिक मुद्दों बल्कि सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता से जुड़े विषयों पर भी केंद्रित रहने की संभावना है।
ट्रंप ने बुधवार को एयर फोर्स वन में संवाददाताओं से कहा था कि उन्हें उम्मीद है यह बैठक “कई लंबित समस्याओं का समाधान” लाएगी। उन्होंने इशारा किया कि चीन से आने वाले माल पर लगने वाले भारी टैरिफ में कमी की दिशा में कदम उठाया जा सकता है।
बदले में चीन से अपेक्षा की जा रही है कि वह फेंटानिल जैसे खतरनाक नशीले पदार्थों के उत्पादन और निर्यात को सीमित करने के लिए सख्त कदम उठाएगा।
ट्रंप के 100% टैरिफ के खतरे के बीच चीन का कड़ा रुख, क्या अब वार्ता से सुलझेगा विवाद?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर दोनों देश इस बैठक में किसी समझौते पर पहुंचते हैं तो इसका असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। पिछले कुछ वर्षों से चली आ रही ट्रेड वॉर ने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता पैदा की थी।
2020 के दशक की शुरुआत में अमेरिका और चीन के बीच आयात शुल्क को लेकर बढ़े विवाद ने न केवल दोनों देशों के व्यापार को प्रभावित किया बल्कि एशिया, यूरोप और अन्य क्षेत्रों की आर्थिक नीतियों को भी झटका दिया था।
दुनिया के प्रमुख आर्थिक मंचों और विश्लेषकों की नजरें इस बैठक पर टिकी हुई हैं। माना जा रहा है कि यह मुलाकात दोनों देशों के बीच संबंधों को एक नई दिशा दे सकती है और आने वाले महीनों में अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीति पर बड़ा असर डाल सकती है।
अगर बैठक सकारात्मक रहती है, तो यह अमेरिका-चीन के बीच सहयोग के नए दौर की शुरुआत हो सकती है जो न केवल एशिया बल्कि पूरी दुनिया के लिए राहत की खबर होगी।