

अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते टैरिफ विवाद के बीच डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग की संभावित मुलाकात को लेकर दुनिया भर की निगाहें टिकी हैं। यह बैठक व्यापार समझौतों और द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
ट्रंप और शी जिनपिंग की मुलाकात (Img: Google)
Seoul: अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर चल रही खींचतान के बीच अगले महीने दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की मुलाकात की संभावना जताई जा रही है। खबर है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग मंच (APEC) के दौरान साउथ कोरिया में आमने-सामने बातचीत कर सकते हैं। इस संभावित बैठक ने वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक हलकों में उत्सुकता बढ़ा दी है।
हालांकि व्हाइट हाउस की तरफ से अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि बातचीत की रूपरेखा तैयार की जा रही है। इस बैठक की अहमियत इसलिए बढ़ गई है क्योंकि हाल के महीनों में अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक टकराव तेज हुआ है। ट्रंप प्रशासन ने चीन से आयातित वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाए, जबकि चीन ने जवाब में अमेरिका से आयात पर कर बढ़ाकर जवाबी कार्रवाई की। अप्रैल में अमेरिका ने चीन के सामान पर 145 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। इसके जवाब में चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर 125 प्रतिशत तक कर लागू कर दिया।
क्या सुलझेगा अमेरिका-चीन टकराव (Img: Google)
हालांकि इन टैरिफों को नवंबर तक स्थगित कर दिया गया है, फिर भी तनाव कम नहीं हुआ है। ट्रंप ने चीन पर रूस और उत्तर कोरिया के साथ मिलकर अमेरिका के खिलाफ साजिश रचने का आरोप भी लगाया था। दूसरी ओर, हाल ही में चीन में हुए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और किम जोंग-उन की उपस्थिति ने अमेरिका की राजनीति में हलचल मचा दी। ट्रंप ने इसे अमेरिका के खिलाफ गठजोड़ करार दिया, हालांकि बाद में उन्होंने मोदी के साथ अपने संबंधों को लेकर नरम रुख अपनाया।
डर गए डोनाल्ड ट्रंप! टैरिफ विवाद के बीच लिया बड़ा यू-टर्न, कहा- मोदी मेरा दोस्त है
APEC सम्मेलन का मंच व्यापारिक सहयोग के साथ-साथ रणनीतिक चर्चाओं के लिए जाना जाता है। ऐसे में ट्रंप और शी जिनपिंग की मुलाकात दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव को कम करने और वैश्विक आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह मुलाकात केवल औपचारिकता नहीं होगी। इसमें टैरिफ विवाद, व्यापार समझौते, ऊर्जा सहयोग, रक्षा वार्ताएं और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। साथ ही, ट्रंप इसे घरेलू राजनीति में अपने आलोचकों को जवाब देने का मौका भी मान सकते हैं।
PM Modi China visit: भारत-चीन रिश्तों की नई शुरुआत, शी जिनपिंग का सीक्रेट लेटर आया सामने
यदि यह बैठक सफल रही तो अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चल रही आर्थिक खींचतान में राहत मिल सकती है। साथ ही, यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता लाने और अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाने का मार्ग भी खोल सकती है। दुनिया की निगाहें अब इस बैठक पर टिकी हैं, जो आने वाले समय में वैश्विक राजनीति को प्रभावित कर सकती है।