Shubhanshu Shukla ISRO Axiom-4 Mission: जानिये कौन हैं शुभांशु शुक्ला, जो निकले हैं स्पेस स्टेशन की ऐतिहासिक यात्रा पर

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ऐतिहासिक यात्रा पर हैं। आईए जानते हैं कि कौन हैं शुभांशु शुक्ला?

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 25 June 2025, 12:41 PM IST
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नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आज देश का गौरव बन चुके हैं। वे Axiom-4 मिशन के तहत 10 जून 2025 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भर चुके हैं। राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में कदम रखने वाले दूसरे भारतीय के रूप में शुभांशु इतिहास रचने जा रहे हैं। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल भारत बल्कि वैश्विक मंच पर भी चर्चा बटोरी है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, शुभांशु का यह मिशन न केवल भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ेगा, बल्कि गगनयान मिशन के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा।

कौन हैं सुभांशु शुक्ला?

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 10 अक्टूबर 1985 को जन्मे शुभांशु शुक्ला ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, लखनऊ से पूरी की। मात्र 16 वर्ष की आयु में उनका चयन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के लिए हुआ, जो उनकी प्रतिभा और समर्पण का प्रमाण है। 2006 में भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद, उन्होंने एक कुशल टेस्ट पायलट के रूप में अपनी पहचान बनाई। शुभांशु ने Su-30 MKI, मिग-21, मिग-29, जैगुआर, डॉर्नियर और An-32 जैसे विमानों पर 2,000 घंटे से अधिक उड़ान भरी। उनके पिता चाहते थे कि वे IAS बनें, लेकिन शुभांशु ने वायुसेना और फिर अंतरिक्ष यात्रा का रास्ता चुना।

गगनयान और अंतरिक्ष प्रशिक्षण

वहीं 2019 में इसरो ने शुभांशु शुक्ला को गगनयान मिशन के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक के रूप में चुना। इसके बाद, उन्होंने रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में कठिन प्रशिक्षण प्राप्त किया। यह प्रशिक्षण उनकी अंतरिक्ष यात्रा की तैयारी में महत्वपूर्ण रहा, जो अब Axiom-4 मिशन में उनकी भूमिका को मजबूती देगा।

क्या है Axiom-4 मिशन?

एक्सिओम-4 मिशन निजी अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो नासा, एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स की साझेदारी का परिणाम है। यह मिशन 25 जून 2025 को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से सुबह 2:31 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे) स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट और नए ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के साथ मिशन पर निकल चुका है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो यह स्पेसक्राफ्ट 26 जून को सुबह 7:00 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के साथ डॉक करेगा।

एक्सिओम-4 मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि यह इन देशों की 40 वर्षों बाद पहली सरकार प्रायोजित मानव अंतरिक्ष उड़ान होगी। यह मिशन इन तीनों देशों के लिए दूसरी मानव अंतरिक्ष उड़ान है, लेकिन पहली बार होगा जब ये देश एक साथ ISS पर मिशन पूरा करेंगे। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की भागीदारी भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेगी। इस मिशन का लक्ष्य 31 देशों, जैसे भारत, अमेरिका, पोलैंड, हंगरी, सऊदी अरब, ब्राजील, नाइजीरिया, संयुक्त अरब अमीरात और यूरोपीय देशों, के सहयोग से लगभग 60 वैज्ञानिक अध्ययन और गतिविधियां संचालित करना है। यह मिशन न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देगा, बल्कि निजी अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग का प्रतीक भी बनेगा।

 

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