Russia-Pakistan Deal: रूस-पाकिस्तान रक्षा डील से भारत सतर्क, रणनीतिक साझेदारी पर उठे सवाल

रूस द्वारा पाकिस्तान को JF-17 थंडर के लिए इंजन सप्लाई करने के फैसले ने भारत-रूस की दशकों पुरानी साझेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारत को इस डील से क्षेत्रीय असंतुलन की चिंता सता रही है। इस फैसले से पाकिस्तान की वायुसेना को ब्लॉक-III वेरिएंट मिलेंगे।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 3 October 2025, 9:34 AM IST
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Moscow: भारत और रूस के बीच दशकों से चली आ रही रणनीतिक साझेदारी अब एक नई चुनौती के दौर से गुजर रही है। जुलाई 2025 में रूस ने भारत को अत्याधुनिक SU-57 फाइटर जेट और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की पेशकश कर दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊंचाई देने की कोशिश की थी। लेकिन अब रूस के हालिया फैसले ने भारत की चिंताएं बढ़ा दी हैं।

रूस ने भारत की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए पाकिस्तान को JF-17 थंडर फाइटर जेट्स के लिए RD-93MA इंजन सप्लाई करने की मंजूरी दे दी है। यह कदम पाकिस्तान और चीन के संयुक्त JF-17 प्रोग्राम का हिस्सा है। इस फैसले से पाकिस्तान की वायुसेना को ब्लॉक-III वेरिएंट मिलेंगे, जो उसकी सैन्य क्षमताओं को और मज़बूत करेंगे।

भारत को आशंका है कि ये जेट्स उसकी सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं, खासकर अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम हमले और भारत की जवाबी कार्रवाई "ऑपरेशन सिंदूर" के संदर्भ में। इन घटनाओं के बाद पाकिस्तान की वायुसेना का आधुनिकीकरण भारत के लिए एक सामरिक चुनौती बन सकता है।

JF-17

JF-17 इंजन डील पर रूस का फैसला

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, JF-17 की संख्या बढ़ना भले ही भारत के लिए प्रत्यक्ष खतरा न हो, लेकिन इससे क्षेत्रीय शक्ति संतुलन जरूर प्रभावित होगा। पाकिस्तान को मनोवैज्ञानिक और सामरिक बढ़त मिल सकती है, जिससे भारत को अपने एयर डिफेंस और लड़ाकू विमान प्रोग्राम को और तेज़ करना होगा।

रूस के पीछे आर्थिक कारण

रूस के इस कदम के पीछे आर्थिक कारण भी माने जा रहे हैं। पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ा है। JF-17 प्रोजेक्ट तेजी से अंतरराष्ट्रीय बाजार में लोकप्रिय हो रहा है। हाल ही में अजरबैजान ने $4.6 बिलियन की डील साइन की है। इसके चलते रूस इसे एक मुनाफे वाला सौदा मान रहा है।

साथ ही, रूस नहीं चाहता कि चीन का WS-13 इंजन पूरी तरह से RD-93MA की जगह ले ले, जिससे उसका प्रभाव घटे। इसलिए रूस इस क्षेत्र में अपनी अहमियत बनाए रखने के लिए पाकिस्तान से संबंध मजबूत कर रहा है।

भारत को मिली तसल्ली

रूस ने भारत को आश्वस्त किया है कि पाकिस्तान को दी जा रही तकनीक सीमित है, जबकि भारत के साथ सहयोग दीर्घकालिक और गहरा रहेगा। SU-57E, SU-35M और AL-31FP इंजन जैसे बड़े रक्षा प्रोजेक्ट्स भारत के साथ जारी रहेंगे।

 

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  • Moscow

Published : 
  • 3 October 2025, 9:34 AM IST