पाकिस्तान बना आतंकवाद का कारखाना: UNGA में जयशंकर का कड़ा संदेश, पाक पर कड़ा प्रहार

UNGA के 80वें सत्र में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बताते हुए कड़ा प्रहार किया। उन्होंने आतंकी वित्तपोषण और प्रचार को रोकने की अपील करते हुए UNSC में सुधार की ज़रूरत पर बल दिया। जयशंकर ने यूक्रेन और गाज़ा संघर्षों में शांति का समर्थन करने की बात भी कही।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 28 September 2025, 8:02 AM IST
google-preferred

New Delhi: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 80वें संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) सत्र के आम बहस सत्र में भारत का पक्ष दृढ़ता से रखते हुए वैश्विक मंच पर आतंकवाद के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान को आतंकवाद का गढ़ बताते हुए उसे वैश्विक असुरक्षा का स्रोत करार दिया।

"भारत की जनता की ओर से नमस्कार"

अपने संबोधन की शुरुआत में एस. जयशंकर ने भारतीय संस्कृति को दर्शाते हुए कहा "भारत की जनता की ओर से नमस्कार", जिससे उन्होंने न केवल भारतीय परंपराओं का सम्मान जताया, बल्कि वैश्विक समुदाय से संवाद की शुरुआत भी सौहार्दपूर्ण की। उन्होंने भारत की अंतरराष्ट्रीय भूमिका को "विश्व के लिए विश्वसनीय और जिम्मेदार साथी" के रूप में प्रस्तुत किया।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर

"हम आजादी के बाद से आतंकवाद से जूझ रहे हैं"

जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही आतंकवाद का सामना करता आ रहा है। उन्होंने बिना नाम लिए पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि “हमारा एक पड़ोसी दशकों से वैश्विक आतंकवाद का केंद्र रहा है।” उन्होंने अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए इसे “सीमा पार बर्बरता” का ताजा उदाहरण बताया।

BRICS वर्चुअल समिट में जयशंकर का जलवा, क्या टैरिफ विवाद पर होगी क्या बात जानें ?

"पाकिस्तान में औद्योगिक स्तर पर आतंकी ठिकाने संचालित"

जयशंकर ने पाकिस्तान में आतंकवाद के संगठनात्मक ढांचे की आलोचना करते हुए कहा कि “आतंकवाद को वहां राज्य नीति की तरह अपनाया गया है। वहां आतंकी शिविर औद्योगिक स्तर पर चलाए जाते हैं और आतंकियों को सार्वजनिक रूप से महिमामंडित किया जाता है।” यह बात उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की निष्क्रियता पर प्रश्न उठाते हुए कही।

"जो समर्थन करेगा, उसे भुगतना पड़ेगा परिणाम"

विदेश मंत्री ने चेतावनी दी कि “जो भी देश या संस्था आतंकवाद को समर्थन देने वालों का साथ देगी, उन्हें इसका खामियाजा भुगतना होगा।” उन्होंने आतंकवाद की आर्थिक सहायता बंद करने, आतंकियों पर वैश्विक प्रतिबंध और आतंक के तंत्र पर दबाव बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।

आत्मनिर्भरता, आत्मरक्षा और आत्मविश्वास का मंत्र

जयशंकर ने कहा कि भारत तीन प्रमुख अवधारणाओं आत्मनिर्भरता, आत्मरक्षा और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करता है, बल्कि विदेशों में भी अपने नागरिकों और हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह सोच “शून्य सहिष्णुता” की नीति पर आधारित है।

US Ambassador: अमेरिका ने भारत में नियुक्त किया नया राजदूत, जयशंकर का रिएक्शन चर्चा में; जानें क्या बोले विदेश मंत्री

संयुक्त राष्ट्र पर सवाल

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार और विस्तार की ज़रूरत को रेखांकित करते हुए कहा कि यह संस्था आज के वैश्विक संकटों से निपटने में असमर्थ दिख रही है। “जब आतंकवाद मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है, तब भी संयुक्त राष्ट्र अक्सर चुप रहता है।” उन्होंने UNSC को अधिक प्रतिनिधित्वात्मक और जवाबदेह बनाने की मांग की।

टैरिफ अस्थिरता और वैश्विक असमानता का मुद्दा उठाया

जयशंकर ने वैश्विक व्यापार प्रणाली में अस्थिरता, टैरिफ बाधाओं और ऊर्जा-खाद्य सुरक्षा के संकट को रेखांकित करते हुए कहा कि “2022 के बाद से संघर्षों ने इन आवश्यकताओं को सबसे पहले प्रभावित किया है।” उन्होंने उन विकसित देशों की आलोचना की जो स्वयं को सुरक्षित करने के बाद विकासशील देशों को "पाखंडी भाषण" देते हैं।

यूक्रेन और गाज़ा में शांति का आह्वान

भारत ने वैश्विक संघर्षों जैसे यूक्रेन और गाज़ा में शत्रुता समाप्त करने और सभी पक्षों को साथ लाकर समाधान तलाशने की अपील की। जयशंकर ने कहा कि भारत ऐसी किसी भी पहल का समर्थन करेगा जो शांति और स्थिरता लाने की दिशा में हो।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 28 September 2025, 8:02 AM IST