भारतीय हथियारों की मांग तेज: ऑपरेशन सिंदूर के बाद दुनिया ने मानी भारत की ताकत, तुर्किए का दुश्मन पहुंच गया दिल्ली

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद अपनी स्वदेशी सैन्य क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया है, जिससे भारत के हथियारों की मांग बढ़ी है। आर्मेनिया ने भारत से स्वदेशी रक्षा उत्पादों, जैसे AK-203 राइफल और आकाश-1S एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए दिल्ली में प्रतिनिधिमंडल भेजा है। पिछले कुछ वर्षों में आर्मेनिया ने भारत से 2 अरब डॉलर के रक्षा सौदे किए हैं और अब उसकी नजर नई तकनीकी साझेदारियों पर है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 28 July 2025, 10:45 AM IST
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New Delhi: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत के स्वदेशी हथियारों की अंतरराष्ट्रीय मांग तेजी से बढ़ी है। आर्मेनिया ने भारतीय हथियारों की तकनीकी क्षमताओं को समझने और नए रक्षा सौदे के लिए टॉप सैन्य अधिकारियों को दिल्ली भेजा है। भारत अब वैश्विक रक्षा बाजार में एक उभरती ताकत बनकर सामने आ रहा है।

भारत की सैन्य शक्ति का वैश्विक असर

22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसमें न केवल आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त किया गया, बल्कि पाकिस्तानी सेना को भी माकूल जवाब दिया गया। इस ऑपरेशन के दौरान भारत ने अपनी स्वदेशी रक्षा प्रणाली और हथियारों का प्रभावशाली प्रदर्शन किया, जिससे दुनियाभर में उसकी सैन्य तकनीक की सराहना होने लगी।

चीन-तुर्किए के हथियारों के सामने भारतीय सिस्टम की श्रेष्ठता

ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने जिन हथियारों का उपयोग किया, उन्होंने साबित किया कि भारत का रक्षा सिस्टम अब चीन और तुर्किए के हथियारों से कहीं अधिक सक्षम है। इस कार्रवाई के बाद भारत की मिसाइल तकनीक, मल्टी बैरल रॉकेट सिस्टम और एयर डिफेंस सिस्टम की वैश्विक मांग में जबरदस्त उछाल आया है।

आर्मेनिया ने बढ़ाई भारत से रक्षा साझेदारी की रफ्तार

भारत की सैन्य क्षमता से प्रभावित होकर आर्मेनिया ने अपने टॉप मिलिट्री ऑफिसर्स का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली भेजा है, जिसका नेतृत्व कर्नल म्हेर इस्रायेल्यान कर रहे हैं। इस प्रतिनिधिमंडल का मकसद भारत में विकसित आधुनिक AK-203 असॉल्ट राइफल, फ्रंटलाइन सेंसर, स्मार्ट निगरानी प्रणाली और अन्य रक्षा उत्पादों की टेक्नोलॉजी को समझना और नई डील को अंतिम रूप देना है।

अजरबैजान-तुर्किए गठजोड़ और आर्मेनिया की सुरक्षा जरूरतें

अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच लंबे समय से तनावपूर्ण संबंध हैं। अजरबैजान को तुर्किए का सैन्य समर्थन प्राप्त है और वह तुर्की के हथियारों से लैस है। इस खतरे के जवाब में आर्मेनिया भारत को स्ट्रैटेजिक रक्षा साझेदार के रूप में देखता है और भारत से अत्याधुनिक रक्षा प्रणाली खरीद रहा है।

भारत से अब तक क्या खरीद चुका है आर्मेनिया?

2020 से अब तक आर्मेनिया ने भारत से 2 अरब डॉलर से अधिक के रक्षा सौदे किए हैं। इन सौदों में प्रमुख रूप से पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) तेज और सटीक मारक क्षमता, आकाश एयर डिफेंस सिस्टम- कम ऊंचाई पर उड़ते ड्रोन और मिसाइल को नष्ट करने में सक्षम शामिल है। 2022 में हुए 720 मिलियन डॉलर के डील के तहत, आर्मेनिया भारत से 15 यूनिट आकाश-1S एयर डिफेंस सिस्टम खरीद रहा है।

डिलीवरी और अगली खेप की तैयारी

• इस डील की पहली बैटरी नवंबर 2024 में डिलीवर हो चुकी है
• दूसरी बैटरी जुलाई 2025 के अंत तक दी जाएगी
• आकाश-1S सिस्टम को आर्मेनिया ने खरीदकर भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय ग्राहक बनने का गौरव हासिल किया

भारत का बढ़ता रक्षा निर्यात

भारत अब न केवल रक्षा आयातक बल्कि एक उभरता हुआ निर्यातक भी बन रहा है।
"मेक इन इंडिया, डिफेंड विद इंडिया" की नीति के तहत भारत अब दुनिया को अपने दम पर बनाए गए विश्वस्तरीय हथियार और सिस्टम बेच रहा है।

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