हर हफ्ते 10 करोड़ मच्छर बनाएगा ब्राजील, लेकिन क्यों? जानें चौंकाने वाली ये वजह

ब्राजील ने डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी से लड़ने के लिए मच्छर पैदा करने की दुनिया की सबसे बड़ी फैक्ट्री बनाई है। यहां वोल्बाचिया बैक्टीरिया से संक्रमित मच्छर तैयार किए जा रहे हैं, जो बीमारियां फैलाने वाले मच्छरों को रोकते हैं। इस तकनीक से हर हफ्ते 10 करोड़ मच्छरों का उत्पादन होगा।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 21 September 2025, 1:42 PM IST
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Brasilia: जब पूरी दुनिया मच्छरों से छुटकारा पाने की कोशिश कर रही है, तब ब्राजील ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसे सुनकर आपको हैरानी होगी। ब्राजील ने दुनिया की सबसे बड़ी मच्छर फैक्ट्री तैयार की है, जहां करोड़ों की संख्या में मच्छर पैदा किए जा रहे हैं और ये सब जानबूझकर किया जा रहा है!

डेंगू और ब्रेक-बोन फीवर से लड़ाई

यह अजीब-सा लगने वाला प्रयोग दरअसल डेंगू जैसी घातक बीमारियों से लड़ने की रणनीति है। ब्राजील में डेंगू से हर साल हजारों लोगों की मौत होती है। साल 2024 में डब्ल्यूएचओ के मुताबिक ब्राजील में 6,297 मौतें डेंगू से हुईं, जो अब तक का सबसे भयावह आंकड़ा है।

कैसे काम करेगी मच्छर फैक्ट्री?

ब्राजील के कुरितिबा शहर में शुरू हुई इस फैक्ट्री को वोल्बिटो दो ब्राजील नाम दिया गया है। यह फैक्ट्री प्रति सप्ताह 10 करोड़ मच्छरों के अंडे तैयार करने में सक्षम है। इन मच्छरों में वोल्बाचिया नामक बैक्टीरिया मौजूद होता है, जो मच्छर के शरीर में वायरस को विकसित नहीं होने देता। यानी जब यह मच्छर किसी को काटता है तो वह डेंगू, जीका या चिकनगुनिया जैसी बीमारी नहीं फैला सकता।

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मच्छरों का 'वैक्सीन'

• वोल्बाचिया एक ऐसा बैक्टीरिया है जो कीटों की कोशिकाओं में पाया जाता है।
• यह बैक्टीरिया मच्छरों में वायरस के प्रसार को रोकता है।
• इसे प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका माना गया है क्योंकि यह इंसानों या जानवरों के लिए हानिकारक नहीं है।

कैसे छोड़े जाएंगे ये मच्छर?

वोल्बाचिया संक्रमित मच्छरों को विशेष वाहनों के माध्यम से डेंगू हॉटस्पॉट इलाकों में छोड़ा जाएगा। एक बटन दबाते ही हजारों मच्छर इन इलाकों में छोड़ दिए जाएंगे ताकि वे वहां मौजूद मच्छरों से मिल सकें और उनकी प्रजनन प्रक्रिया में बाधा डाल सकें। तमिला क्लिने कहती हैं कि हम उन इलाकों को प्राथमिकता देते हैं जहां डेंगू के मामले सबसे ज्यादा होते हैं। वहां मच्छरों को छोड़ा जाता है ताकि संक्रमण की श्रृंखला को रोका जा सके।

कौन चला रहा है ये प्रोजेक्ट?

यह फैक्ट्री और प्रोजेक्ट ब्राजील की सरकार, विश्व मच्छर कार्यक्रम (World Mosquito Program), ऑस्वाल्डो क्रूज़ फाउंडेशन, और पाराना आणविक जीवविज्ञान संस्थान के संयुक्त सहयोग से चलाया जा रहा है। वोल्बिटो के सीईओ लुसियानो मोरेरा का दावा है कि हम हर 6 महीने में 70 लाख लोगों को सुरक्षित रखने में सक्षम होंगे। आने वाले सालों में यह आंकड़ा 14 करोड़ तक पहुंच सकता है।

क्या वोल्बाचिया सुरक्षित है?

वोल्बिटो के प्रोडक्शन मैनेजर एंटोनियो ब्रांडाओ के अनुसार वोल्बाचिया कीट के मरने पर खुद भी मर जाता है। यह मानव शरीर में नहीं रह सकता। यह पर्यावरण और इंसानों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है।

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क्या भारत जैसे देशों के लिए है यह मॉडल?

डेंगू केवल ब्राजील ही नहीं, भारत, थाईलैंड, फिलीपींस और इंडोनेशिया जैसे देशों में भी गंभीर समस्या है। भारत में भी हर साल लाखों लोग डेंगू से संक्रमित होते हैं। ऐसे में यह मॉडल अन्य देशों के लिए भी उदाहरण बन सकता है।

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