

अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने भारत और ब्राजील पर 50 फीसदी टैरिफ लगाकर वैश्विक स्तर पर सबसे ऊंचा शुल्क तय कर दिया है। इस फैसले से नाराज ब्राजील के राष्ट्रपति लुई इनाशियो लूला डा सिल्वा ने इसे राजनीतिक दुश्मनी करार दिया और चेतावनी दी कि अमेरिकी जनता को अब महंगे ब्राजीली उत्पादों का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
Washington: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने हाल ही में भारत और ब्राजील पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। यह दोनों देशों पर लगाया गया अब तक का सबसे ऊंचा शुल्क है, जिसने अंतरराष्ट्रीय व्यापार जगत में हलचल मचा दी है। इस फैसले के बाद ब्राजील के राष्ट्रपति लुई इनाशियो लूला डा सिल्वा ने खुलकर नाराजगी जताई और ट्रंप प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए।
ब्राजील के राष्ट्रपति सिल्वा ने स्पष्ट कहा कि यह फैसला महज व्यापारिक नीति नहीं बल्कि राजनीतिक दुश्मनी का नतीजा है। उन्होंने कहा, 'ट्रंप प्रशासन ब्राजील के साथ आर्थिक रिश्तों को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है। यह टैरिफ हमारे उद्योग और किसानों पर सीधा हमला है।'
सिल्वा ने चेतावनी दी कि इस फैसले का सीधा असर अमेरिकी उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। उन्होंने कहा, 'अब अमेरिका के लोग ब्राजील से आने वाले कॉफी और मांस जैसे उत्पादों के लिए कहीं ज्यादा दाम चुकाएंगे। ट्रंप ब्राजील से दुश्मनी कर रहे हैं, लेकिन इसका खामियाजा उनकी अपनी जनता को भुगतना होगा।'
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला
ब्राजील के राष्ट्रपति ने यह भी साफ कर दिया कि उनका ट्रंप से किसी भी तरह का कोई व्यक्तिगत या राजनीतिक रिश्ता नहीं है। सिल्वा ने कहा, 'मैंने कभी ट्रंप से बात करने की कोशिश नहीं की, क्योंकि वह खुद बातचीत नहीं करना चाहते। यह उनका रवैया है।'
उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें टैरिफ की जानकारी सीधे ब्राजीली अखबारों से मिली, जबकि इतना बड़ा फैसला दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद लिया जाना चाहिए था।
सिल्वा ने ट्रंप की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इतने गंभीर निर्णय को सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सार्वजनिक करना कूटनीति का सही तरीका नहीं है। “एक राष्ट्रपति होकर ट्रंप को वैश्विक स्तर पर शिष्टाचार निभाना चाहिए, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया,” सिल्वा ने कहा।
सिल्वा ने अपने बयान में तीखे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा, 'डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति हो सकते हैं, लेकिन वह दुनिया के सम्राट नहीं हैं।' उन्होंने जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में फैसले आपसी सम्मान और बातचीत के आधार पर होने चाहिए, न कि एकतरफा दबाव बनाकर।
ट्रंप प्रशासन का यह फैसला खासतौर पर भारत और ब्राजील की अर्थव्यवस्था पर असर डालने वाला है। दोनों ही देश अमेरिका को बड़े पैमाने पर कृषि और औद्योगिक उत्पाद निर्यात करते हैं। टैरिफ बढ़ने से न केवल इन देशों के निर्यात प्रभावित होंगे, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में भी भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।