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भिटौली थाना क्षेत्र के डेरवा निवासी 55 वर्षीय जोगेंद्र पटेल का शव उनकी मौत के लगभग एक महीने बाद सऊदी अरब से पैतृक गांव पहुंचा। 30 अक्टूबर 2025 को विदेश में हुई उनकी मृत्यु की जानकारी मिलते ही गांव में शोक की लहर फैल गई। पहले ही पत्नी को खो चुके परिवार पर यह नई त्रासदी टूट पड़ी। शव देखते ही इकलौता बेटा रवि पटेल बेसुध होकर रो पड़ा। पूरे गांव में मातम पसरा है।
सऊदी अरब से आया प्रवासी का शव
महराजगंज: भिटौली थाना क्षेत्र के डेरवा गांव में गुरुवार का दिन गहरी पीड़ा और मातम लेकर आया। गांव के 55 वर्षीय प्रवासी श्रमिक जोगेंद्र पटेल का शव लगभग एक महीने बाद उनके पैतृक घर पहुंचा। बताते चलें कि जोगेंद्र पटेल की 30 अक्टूबर 2025 को सऊदी अरब में अचानक मृत्यु हो गई थी। शव के गांव पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया और हर किसी की आंखें नम हो उठीं।
क्या है पूरी खबर?
परिजनों के अनुसार, जोगेंद्र पटेल पिछले चार वर्षों से सऊदी अरब में रहकर किसी निजी कंपनी में कार्य कर रहे थे। परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरे, इसके लिए वे गांव से दूर रहकर मेहनत करते थे। लेकिन अचानक आई मौत की खबर से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। परिजनों ने बताया कि शव को भारत लाने में कई औपचारिकताएं और प्रक्रियाएं पूरी करनी पड़ीं, जिसके कारण इसमें लगभग एक महीना लग गया।
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मानसिक और भावनात्मक संतुलन को झकझोर
जोगेंद्र पटेल की पत्नी बिंदु का निधन भी करीब पांच वर्ष पहले हो चुका था। तभी से परिवार कई कठिनाइयों से जूझ रहा था। अब पिता का शव घर पहुंचते ही उनका इकलौता बेटा, 28 वर्षीय रवि पटेल, जो विवाहित है, बिलख-बिलखकर रो पड़ा। पिता की मौत और इतनी लंबी प्रतीक्षा ने उसके मानसिक और भावनात्मक संतुलन को झकझोर दिया है। गांव के लोगों ने रोते-बिलखते बेटे को संभालने की कोशिश की, लेकिन उसकी पीड़ा शब्दों में बयां नहीं हो सकती थी।
जानकारी के मुताबिक, गांव वालों ने बताया कि जोगेंद्र मिलनसार और मेहनती व्यक्ति थे। गांव का कोई भी कार्यक्रम होता, वे हमेशा उपस्थित रहते। उनकी मौत की खबर जैसे ही गांव में फैली, सभी लोग गहरे दुख में डूब गए। शव पहुंचते ही सैकड़ों लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए घर पहुंचने लगे।