

गोरखपुर पुलिस ने संगठित अपराध के खिलाफ एक और कड़ा प्रहार किया है। रामगढ़ताल थाना क्षेत्र में अनैतिक देह व्यापार के गोरखनाक कारोबार को चलाने वाले एक संगठित गिरोह के 14 सदस्यों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। इस गिरोह का सरगना अनिरुद्ध ओझा उर्फ सोखा और उसके 13 सहयोगियों ने नाबालिग और बालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर और पैसे का लालच देकर होटल में अनैतिक देह व्यापार के धंधे में धकेलने का घिनौना खेल रचा था।
Gorakhpur: गोरखपुर में स्वतंत्रता दिवस के दिन गोरखपुर पुलिस ने संगठित अपराध के खिलाफ एक और कड़ा प्रहार किया है। रामगढ़ताल थाना क्षेत्र में अनैतिक देह व्यापार के गोरखनाक कारोबार को चलाने वाले एक संगठित गिरोह के 14 सदस्यों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। इस गिरोह का सरगना अनिरुद्ध ओझा उर्फ सोखा और उसके 13 सहयोगियों ने नाबालिग और बालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर और पैसे का लालच देकर होटल में अनैतिक देह व्यापार के धंधे में धकेलने का घिनौना खेल रचा था।
पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाईवरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) गोरखपुर के निर्देश पर चलाए जा रहे संगठित अपराधों के खिलाफ अभियान के तहत पुलिस अधीक्षक नगर और क्षेत्राधिकारी कैंट के मार्गदर्शन में रामगढ़ताल थाना प्रभारी ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया। जिला मजिस्ट्रेट गोरखपुर द्वारा अनुमोदित गैंग चार्ट के आधार पर गैंग लीडर अनिरुद्ध ओझा उर्फ सोखा और उसके 13 अन्य सदस्यों के खिलाफ थाना रामगढ़ताल में मुकदमा संख्या 528/25 दर्ज किया गया। इस मुकदमे में उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रिया-कलाप निवारण अधिनियम 1986 की धारा 2(ख) (i),(v),(xi),(xix)/3(1) के तहत कार्रवाई की गई है।
गिरोह का काला कारनामा
पुलिस जांच में सामने आया कि अनिरुद्ध ओझा उर्फ सोखा ने अपने सहयोगियों—प्रियांशु जायसवाल, अनुराग सिंह, राजन उर्फ वसीम अहमद, बिमल विश्वकर्मा, सूरज विश्वकर्मा, मुस्कान उर्फ माला पासवान, श्रेय शुक्ला, नंदिनी उर्फ परी, अजय सिंह, अनुराग त्रिपाठी, संजीत कुमार जायसवाल, आकाश गुप्ता और गौरव कुमार के साथ मिलकर एक संगठित गिरोह बनाया था। यह गिरोह असहाय नाबालिग और बालिग लड़कियों को नौकरी का लालच देकर होटलों में काम पर रखता था और फिर उन्हें अनैतिक देह व्यापार में धकेल देता था। इस गैंग की गतिविधियों से आम जनता में भय और आतंक का माहौल था, जिसके चलते पुलिस को इस गिरोह पर सख्त कार्रवाई करनी पड़ी।
अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास
गैंग के सरगना अनिरुद्ध ओझा उर्फ सोखा का आपराधिक रिकॉर्ड भी लंबा-चौड़ा है। उसके खिलाफ रामगढ़ताल, शाहपुर और कैंट थानों में कई संगीन मामले दर्ज हैं, जिनमें पोक्सो एक्ट, अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम, और महामारी अधिनियम के तहत मामले शामिल हैं। अन्य अभियुक्तों जैसे प्रियांशु जायसवाल, अनुराग सिंह और संजीत कुमार जायसवाल के खिलाफ भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें बलात्कार, अपहरण और अनैतिक व्यापार से संबंधित धाराएं शामिल हैं।
पुलिस की सख्ती से समाज में राहत
इस कार्रवाई से गोरखपुर में अनैतिक देह व्यापार के खिलाफ पुलिस की मुहिम को और बल मिला है। एसएसपी गोरखपुर ने कहा, “हमारा उद्देश्य संगठित अपराधों को जड़ से खत्म करना है। इस तरह के अपराध समाज के लिए कलंक हैं, और हम इन्हें बख्शने वाले नहीं हैं।” पुलिस ने जनता से अपील की है कि ऐसी गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें ताकि अपराधियों को और कसकर नकेल डाली जा सके।
क्या है गैंगस्टर एक्ट?
उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रिया-कलाप निवारण अधिनियम 1986 संगठित अपराधों पर लगाम लगाने के लिए बनाया गया है। इसके तहत अपराधियों को लंबे समय तक जेल में रखा जा सकता है और उनकी अवैध संपत्ति जब्त की जा सकती है। इस कार्रवाई से न केवल अपराधियों में खौफ पैदा होगा, बल्कि समाज में असहाय लोगों को सुरक्षा का भरोसा भी मिलेगा।
गोरखपुर पुलिस की इस कार्रवाई से शहर में एक बार फिर अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति साफ दिखाई दे रही है। यह कार्रवाई न केवल अपराधियों के लिए चेतावनी है, बल्कि समाज के लिए भी एक सकारात्मक संदेश है कि कानून का शिकंजा हमेशा