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महराजगंज ग्राम पंचायत लेदवा निवासी शैलेश कुमार ने स्थानीय पुलिस पर मुकदमे से आरोपियों का नाम हटाने का गंभीर आरोप लगाया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
थाना सिंदुरिया
महराजगंज: यूपी के महराजगंज जिले के सिंदुरिया थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत लेदवा निवासी शैलेश कुमार पुत्र प्रेमलाल ने स्थानीय पुलिस पर मुकदमे से आरोपियों का नाम हटाने का गंभीर आरोप लगाया है। शैलेश ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) को लिखित शिकायती पत्र सौंपकर मामले की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों का नाम दोबारा मुकदमे में शामिल करने की मांग की है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, शैलेश कुमार ने आरोप लगाया कि दूसरे पक्ष ने फर्जी और मनगढ़ंत कहानी बनाकर उनके परिजनों के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करवाया, जिससे पुलिस का ध्यान भटकाने की कोशिश की गई। शैलेश ने एसपी से इस मामले में गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गुहार लगाई है।
जानिए क्या है पूरा मामला?
दरअसल, लेदवा गांव निवासी शैलेश कुमार और उनके पट्टिदार अंगद पुत्र नेउर के बीच 19 अप्रैल 2025 को किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। यह विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों के बीच मारपीट की नौबत आ गई। शैलेश का आरोप है कि अंगद और उनके परिजनों ने लाठी-डंडों से लैस होकर उनके परिवार पर हमला कर दिया। इस हमले में शैलेश के भाई हेमंत कुमार को गंभीर चोटें आईं, जबकि उनकी मां और बहन भी घायल हो गईं। इस घटना के बाद शैलेश ने सिंदुरिया थाना पुलिस को लिखित शिकायत देकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। उनकी तहरीर के आधार पर पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
हालांकि, मामले ने तब नया मोड़ लिया जब 21 अप्रैल को दूसरे पक्ष की ओर से अंगद की पत्नी सुनीता देवी ने भी पुलिस को शिकायती पत्र सौंपा। सुनीता की तहरीर पर पुलिस ने बिना किसी गहन जांच के शैलेश के परिवार के चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। शैलेश का दावा है कि सुनीता द्वारा लगाए गए सारे आरोप पूरी तरह से झूठे और बेबुनियाद हैं। उनका कहना है कि यह मुकदमा केवल उनके परिवार को परेशान करने और पुलिस का ध्यान भटकाने के लिए दर्ज करवाया गया है।
एसपी से निष्पक्ष जांच की मांग
शैलेश कुमार ने पुलिस अधीक्षक को सौंपे अपने शिकायती पत्र में मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। उन्होंने कहा कि सिंदुरिया पुलिस ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हुए पहले मुकदमे से कुछ आरोपियों का नाम हटा दिया, जो कि न्याय के खिलाफ है। इसके साथ ही, उन्होंने दूसरे पक्ष द्वारा दर्ज कराए गए फर्जी मुकदमे की भी जांच कर दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है। शैलेश ने यह भी अनुरोध किया कि उनके परिवार पर दर्ज झूठे मुकदमे को रद्द किया जाए और सच्चाई सामने लाई जाए।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
इस मामले ने स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। शैलेश का आरोप है कि पुलिस ने बिना ठोस सबूत और जांच के उनके परिजनों पर मुकदमा दर्ज कर लिया, जबकि पहले दर्ज मुकदमे में भी कार्रवाई में ढिलाई बरती जा रही है। गांव के कुछ लोगों का कहना है कि इस तरह के मामलों में पुलिस को दोनों पक्षों की बात सुनकर निष्पक्ष जांच करनी चाहिए, ताकि निर्दोष लोगों को परेशान न होना पड़े।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय से अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही जांच शुरू की जाएगी।