

छांगुर बाबा का मामला केवल धर्मांतरण का नहीं, बल्कि एक बहुस्तरीय अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र का हिस्सा हो सकता है। यूपी एटीएस की तत्परता और ईडी की जांच से इस प्रकरण की परतें जल्दी ही पूरी तरह खुल सकती हैं।
छांगुर बाबा (फाइल फोटो)
Lucknow News: उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पर शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। उस पर अवैध धर्मांतरण के जरिए टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, अब इस पूरे मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी करेगी।
100 करोड़ से अधिक की अवैध कमाई का शक
एटीएस को जांच में 100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध फंडिंग के सबूत मिले हैं। आशंका है कि यह पैसा न केवल धर्मांतरण में लगाया गया, बल्कि इसका उपयोग आतंकी फंडिंग में भी हुआ हो सकता है। यही वजह है कि अब ईडी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत कार्रवाई की तैयारी में है।
अंगूठी बेचने से शुरू किया सफर, अब बना पीर बाबा
बलरामपुर के रेहरामाफी गांव का रहने वाला छांगुर, पहले अंगूठी और नग बेचता था। फिर उसने 2015 में पंचायत चुनाव जीता और धीरे-धीरे सियासी ताकत बढ़ाई। इसके बाद धर्मांतरण की साजिश शुरू की और बेटे महबूब को राजनीति में आगे बढ़ाने की तैयारी करने लगा।
कीपैड मोबाइल, लेकिन लग्जरी गाड़ियों का शौक
बाबा छांगुर भले ही कीपैड मोबाइल रखता था, लेकिन उसके पास लग्जरी गाड़ियों का काफिला था। उसका साथी नवीन गाड़ियों का इंतजाम करता था और नीतू हमेशा साथ रहती थी। छांगुर की आलीशान कोठी उतरौला के मधपुर में बनी, और वह गांव में भी नया मकान बनवा रहा था।
गैंग के सदस्य 40 बार गए इस्लामिक देशों की यात्रा पर
एटीएस की रिपोर्ट के मुताबिक छांगुर और उसके गिरोह के सदस्य 40 से अधिक बार इस्लामिक देशों की यात्रा कर चुके हैं। 40 से ज्यादा बैंक खाते, कई संदिग्ध लेन-देन और देशभर में नेटवर्क का खुलासा हुआ है।
धर्म परिवर्तन की आड़ में इस्लामिक संगठनों में पैठ
छांगुर बाबा नागपुर के इस्लामिक नेटवर्क से जुड़कर स्वयं को सूफी और पीर बाबा घोषित कर चुका था। उसकी नजर उतरौला की एक प्रमुख मजार पर थी, जिसे वह कब्जे में लेना चाहता था। इसके लिए उसने मुस्लिम धर्म गुरुओं से भी संबंध बढ़ाए।
लोगों को अंगूठी देकर करता था ‘भविष्यवाणी’
धर्मांतरण के लिए छांगुर लोगों को अंगूठी देकर प्रभावित करता था। वह दावा करता था कि इससे नौकरी में तरक्की और सुख-समृद्धि मिलेगी। उसकी सादगी भरी वेशभूषा और चालाकी से वह अधिकारियों तक को भ्रमित कर देता था।
दो महीने की निगरानी के बाद हुई गिरफ्तारी
सितंबर 2024 में दर्ज एफआईआर के बाद एटीएस ने जांच तेज की। 8 अप्रैल को बेटे और सहयोगी की गिरफ्तारी के बाद 5 जुलाई को छांगुर और नीतू को गिरफ्तार कर लिया गया। अब मामले में एनआईए भी पूछताछ करेगी और नेपाल बॉर्डर पर नेटवर्क की जांच कर रही है।