छांगुर का ‘जिहादी नेटवर्क’: पास्टर, पादरी और अफसरों से मिली सहायता, फंडिंग के लिए विदेश से संपर्क

बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण के मामले का खुलासा हुआ है। जिसमें छांगुर ने अपने धार्मिक मंसूबों को पूरा करने के लिए रुपये बांटने, दबाव बनाने और असंवैधानिक तरीके से लोगों को धर्म परिवर्तन करने के लिए प्रेरित किया। इसके लिए छांगुर ने गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से मदद कर उनसे धर्म परिवर्तन करवाता था। छांगुर ने नेपाल से सटे जिलों में ईसाई मिशनरियों से भी सांठगांठ की थी और पूरे धर्मांतरण नेटवर्क को चलाने के लिए उसने कई प्रमुख नेताओं, पास्टर और स्थानीय अधिकारियों से मदद ली थी। इस मामले में एटीएस और स्थानीय पुलिस की जांच जारी है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 12 July 2025, 1:53 PM IST
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Lucknow News: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में एक बडी साजिश का खुलासा हुआ है, जिसमें छांगुर नामक एक व्यक्ति ने अवैध धर्मांतरण का कार्य बड़े पैमाने पर चलाया। छांगुर ने लोगों को पैसे बांट कर और उन पर दबाव डालकर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए तैयार किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, इस पूरे घटनाक्रम में उसके कई सहयोगी भी शामिल थे। जिनमें महबूब, नवीन रोहरा और कुछ ईसाई मिशनरियों के सदस्य शामिल थे।

छांगुर ने फैलाई प्रॉपर्टी और रुपये बांटने की योजना

सूत्रों के मुताबिक, छांगुर ने पहले लोगों को रुपये बांटकर उनकी मदद करना शुरू किया और फिर धीरे-धीरे उनका विश्वास जीता। इसके बाद उसने उन पर इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया। छांगुर ने बलरामपुर के उत्तरौला क्षेत्र में बेशकीमती जमीन खरीदी, दो कॉम्प्लेक्स बनवाए और कई जगहों पर प्लॉटिंग का काम किया।

राजदार बब्बू चौधरी ने खोला धर्मांतरण का राज

छांगुर के एक राजदार बब्बू चौधरी ने खुलासा किया कि छांगुर अक्सर गरीब हिंदू परिवारों को पैसा देता और उन्हें अपने घर में काम करने के लिए मजबूर करता। उसे वेतन देने के अलावा 100-200 रुपये रोजाना दिए जाते थे। इसके बाद उसे धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता था और बेहतर जीवन जीने का वादा किया जाता था।

एटीएस जांच में अहम बयानी

एक पीड़ित युवक संचित ने बताया कि उसे छांगुर ने पांच लाख रुपये देने का लालच दिया था यदि वह धर्म परिवर्तन करता है। जब उसने मना किया तो उसे दुष्कर्म के झूठे आरोप में फंसा दिया गया। एटीएस ने संचित के बयान को अपनी जांच में अहम माना है।

नेपाल से सांठगांठ

छांगुर का यह अवैध नेटवर्क नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में स्थित ईसाई मिशनरियों से सांठगांठ में था। वह इनके पास्टर और पादरी से संपर्क कर कमजोर वर्गों की जानकारी प्राप्त करता था। इसके बाद इन परिवारों को पैसे देकर और आर्थिक मदद देकर धर्म परिवर्तन कराया जाता था।

पास्टर, पादरी और अफसरों से मिली सहायता

धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए छांगुर ने स्थानीय अधिकारियों, पास्टर और पादरी से भी मदद ली। इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन को मैनेज करने के लिए उसने नीतू उर्फ नसरीन का इस्तेमाल किया। नीतू और नवीन उर्फ जलालुद्दीन को उदाहरण बना कर वह लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करता था।

छांगुर का भारत-नेपाल बॉर्डर पर धर्मांतरण नेटवर्क

पूर्व आईबी अधिकारी संतोष सिंह के अनुसार, छांगुर पीर मिशन आबाद से जुड़ा था, जो भारत-नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में कार्य करता था। मिशन आबाद के तहत, छांगुर ने भारत और नेपाल के बीच तराई और मधेश क्षेत्रों में धर्मांतरण के लिए अभियान चलाया। इस पूरे प्रक्रिया के लिए उसे विदेशों से फंडिंग भी मिलती थी।

धर्म परिवर्तन की सूत्रधार

नीतू उर्फ नसरीन, जिसे छांगुर ने हिंदू परिवारों को इस्लाम धर्म में लाने के लिए इस्तेमाल किया, उसका महत्वपूर्ण योगदान था। छांगुर ने उसे और नवीन उर्फ जलालुद्दीन को उदाहरण के तौर पर पेश किया था और उन्हें बताया था कि धर्म परिवर्तन के बाद उनकी जिंदगी बदल गई।

छांगुर को विदेश से फंडिंग मिली

पूर्व आईबी अधिकारी संतोष सिंह का कहना है कि छांगुर का यह नेटवर्क भारत-नेपाल बॉर्डर पर काम कर रहा था और उसे विदेश से फंडिंग मिल रही थी। गृह मंत्रालय को इस संबंध में रिपोर्ट भी भेजी गई थी और अब इस मामले में जांच तेज हो गई है।

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