हिंदी
सीबीआई ने अकील अख्तर की रहस्यमयी मौत के मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच अपने हाथ में ले ली है। पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा, पूर्व मंत्री रजिया सुल्ताना, मृतक की पत्नी और बहन पर हत्या व साजिश के आरोप लगाए गए हैं।
अकील अख्तर केस में बड़ा धमाका (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
Chandigarh: अकील अख्तर की रहस्यमयी मौत के मामले में जांच का दायरा अब और गहराता जा रहा है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस सनसनीखेज केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा, पूर्व लोक निर्माण मंत्री रजिया सुल्ताना, मृतक की पत्नी और बहन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। यह मामला अब सीधे सीबीआई के हाथों में चला गया है, जिसने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 103(1) और धारा 61 के तहत अपराध दर्ज किया है।
सीबीआई की दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, अकील अख्तर, जो पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा और पूर्व लोक निर्माण मंत्री रजिया सुल्ताना के पुत्र थे, की 16 अक्टूबर 2025 को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। यह घटना हरियाणा के पंचकूला के सेक्टर-4 स्थित मनसा देवी मंदिर के पास उनके आवास पर हुई। शुरुआती तौर पर इसे आत्महत्या बताया गया था, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और परिजनों के बीच तनाव के संकेतों ने मामले को जटिल बना दिया।
मृतक अकील अख्तर के परिवार में लंबे समय से मतभेद चल रहे थे। एफआईआर में कहा गया है कि मृतक और उनके माता-पिता तथा पत्नी के बीच गंभीर असंतोष था। जांच में यह भी सामने आया कि 27 अगस्त 2025 को अकील अख्तर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो बयान जारी किया था, जिसमें उन्होंने अपने पिता मोहम्मद मुस्तफा और अपनी पत्नी के बीच अवैध संबंधों के आरोप लगाए थे।
पारिवारिक विवाद से हत्या तक
उस वीडियो में अकील ने यह भी कहा था कि उनकी मां रजिया सुल्ताना और बहन मिलकर उन्हें "मारने या किसी झूठे मामले में फंसाने" की साजिश रच रहे हैं। इस वीडियो के बाद से ही परिवार के अंदर तनाव और बढ़ गया था। अब सीबीआई इसी वीडियो और उससे जुड़े बयानों को प्राथमिक साक्ष्य के रूप में खंगाल रही है।
अकील अख्तर की मौत के बाद स्थानीय पुलिस ने थाना मनसा देवी कॉम्प्लेक्स, पंचकूला में एफआईआर नंबर 131/2025 दर्ज की थी। प्रारंभिक जांच के बाद हरियाणा सरकार ने मामले की गंभीरता और राजनीतिक संवेदनशीलता को देखते हुए 20 अक्टूबर 2025 को जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की थी।
केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद सीबीआई ने 6 नवंबर 2025 को यह मामला औपचारिक रूप से अपने हाथ में ले लिया। सीबीआई की टीम ने संबंधित केस फाइल, डिजिटल सबूत और फॉरेंसिक रिपोर्ट अपने कब्जे में ले ली है।
मोहम्मद मुस्तफा, जो पंजाब पुलिस के डीजीपी रह चुके हैं, को राज्य में एक सख्त और प्रभावशाली अधिकारी माना जाता था। वहीं, उनकी पत्नी रजिया सुल्ताना पंजाब की राजनीति में एक चर्चित नाम रही हैं और वे कांग्रेस सरकार में लोक निर्माण मंत्री रह चुकी हैं।
Chandigarh: शंभू बॉर्डर के बाद हरियाणा के जींद के पास किसानों पर आंसू गैस, पानी की बौछार छोड़ी गई
अब सीबीआई की जांच के घेरे में आने से यह मामला केवल कानूनी नहीं बल्कि राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील बन गया है। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में एजेंसी आरोपियों से पूछताछ कर सकती है और मृतक के वीडियो संदेश की फॉरेंसिक जांच भी कराई जाएगी।