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टाटा स्टील के शेयरों में हालिया तेजी ने निवेशकों को खुश कर दिया है। कंपनी का विशाल विस्तार और रणनीतिक साझेदारियां शेयरों को नई ऊचाईयों तक ले जा रही हैं। अगर आप निवेश की सोच रहे हैं तो यह एक बेहतरीन मौका हो सकता है।
टाटा स्टील के शेयरों में उछाल
New Delhi: टाटा ग्रुप की स्टील कंपनी, टाटा स्टील, के शेयरों में आज जबरदस्त खरीदारी देखी गई है, जिसके चलते इसकी कीमतों में तेजी से उछाल आया। निवेशकों का इस तेजी के पीछे मुख्य कारण टाटा स्टील का एक बड़ा विस्तार और विकास योजना है, जिसके तहत कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ रणनीतिक साझेदारियां और अधिग्रहण भी कर रही है।
टाटा स्टील के इस तेज़ी से बढ़ते शेयरों में निवेशकों का विश्वास देखकर यह कंपनी निफ्टी 50 के टॉप गेनर्स में शामिल हो गई। निवेशकों की इस उत्साही खरीदारी के बाद टाटा स्टील के शेयर ₹164.50 के स्तर पर बंद हुए, जो बीएसई पर 1.42% की बढ़त दर्शाते हैं। इंट्रा-डे में तो यह ₹165.20 तक पहुंच गए थे। हालांकि कुछ निवेशकों ने इसका फायदा उठाकर थोड़ी बिक्री की, लेकिन कंपनी के इस शानदार प्लान की वजह से यह शेयर अब भी मजबूत स्थिति में है।
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टाटा स्टील के शेयरों में तेजी का मुख्य कारण कंपनी के व्यापक कैपिटल एक्सपेंडिचर (कैपेक्स) प्लान और भविष्य की क्षमता विस्तार योजनाएं हैं। कंपनी की योजना नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड (NINL) के विस्तार की है, जिसे टाटा स्टील अपने उत्पादन क्षमता को 4.8 MTPA (मीट्रिक टन प्रति वर्ष) से बढ़ाकर 5.8 MTPA तक ले जाने की योजना बना रही है। इसके बाद इसे 10 MTPA तक भी बढ़ाने का लक्ष्य है।
इसके अतिरिक्त, टाटा स्टील ओडिशा में 2.5 MTPA की थिन-स्लैब कास्टर और रोलिंग फैसिलिटी की स्थापना करने जा रही है, जो कंपनी के उत्पादन को और अधिक सक्षम बनाएगी। महाराष्ट्र में भी 7 लाख टन की हॉट-रोल पिकलिंग और गैल्वनाइजिंग लाइन स्थापित की जाएगी, जिससे कंपनी के डाउनस्ट्रीम ऑपरेशंस को मजबूती मिलेगी।
निवेशकों के लिए बन सकता है सुनहरा मौका (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
टाटा स्टील ने अपनी क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ साझेदारियों के जरिए भी अपने व्यवसाय को मजबूत किया है। हाल ही में कंपनी ने लॉयड मेटल्स एंड एनर्जी के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की है, जिसके तहत महाराष्ट्र में एक नई 6 MTPA ग्रीनफील्ड स्टील प्लांट स्थापित किया जाएगा। इस प्लांट के दो चरणों में निर्माण कार्य पूरा होगा और इसका उद्देश्य पश्चिम भारत में टाटा स्टील की उपस्थिति को और मजबूत करना है।
इसके अलावा, टाटा स्टील ने ₹630 करोड़ में ट्रिवेणी पेलेट्स में करीब 50% हिस्सेदारी खरीदी है, जिससे कंपनी को पेलेट की नियमित सप्लाई मिलेगी और उत्पादन की लागत में भी सुधार होगा। साथ ही, कंपनी अपने डीकार्बोनाइजेशन प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए जमशेदपुर में 1 MTPA की क्षमता वाला हाइजार्ना-आधारित ग्रीन स्टील प्लांट भी स्थापित कर रही है। यह वही तकनीक है, जिसे टाटा स्टील पहले नीदरलैंड्स में उपयोग कर रही है।
पिछले एक साल में टाटा स्टील के शेयरों में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। 13 जनवरी 2025 को टाटा स्टील का शेयर ₹122.60 के स्तर पर था, जो इसके एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर था। इसके बाद, यह शेयर 52.53% तक बढ़कर 29 अक्टूबर 2025 को ₹187 के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
टाटा स्टील के शेयरों में हो रही इस तेजी से निवेशकों का विश्वास और उम्मीदें बढ़ी हैं। कंपनी का बड़ा विस्तार प्लान, रणनीतिक साझेदारियां, और अधिग्रहण इसे एक मजबूत निवेश विकल्प बनाते हैं। हालांकि, निवेशकों को यह याद रखना चाहिए कि शेयर बाजार में जोखिम भी होता है, और निवेश से पहले विशेषज्ञों से सलाह लेना हमेशा जरूरी होता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए दी जा रही है। बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश से पहले हमेशा विशेषज्ञ से सलाह लें।