

आज भारतीय शेयर बाजार लगातार सातवें दिन गिरावट के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स में 400 अंकों की गिरावट और निफ्टी के 24,650 के नीचे जाने से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। गिरावट के पीछे RBI नीति, विदेशी बिकवाली और IT सेक्टर की कमजोरी जैसे कई कारण रहे।
शेयर बाजार में भारी गिरावट
New Delhi: भारतीय शेयर बाजार में सोमवार, 29 सितंबर 2025 को भी गिरावट का सिलसिला जारी रहा। शुरुआती कारोबार में हल्की तेजी के बाद दोपहर के सत्र में बाजार ने रफ्तार खो दी और लगातार सातवें दिन लाल निशान में बंद हुआ। सेंसेक्स लगभग 400 अंक टूटकर 80,339.23 के स्तर पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 24,650 के नीचे लुढ़क गई। इस गिरावट से निवेशकों को करोड़ों रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है।
आईटी शेयरों में भारी बिकवाली ने इस गिरावट को और गहरा कर दिया। टेक्नोलॉजी सेक्टर में गिरावट की वजह अमेरिका की H-1B वीजा पॉलिसी में बदलाव और वीजा फीस में बढ़ोतरी को बताया जा रहा है, जिसका सीधा असर भारत की आईटी कंपनियों पर पड़ा है।
बीते सप्ताह बाजार में करीब 7 लाख करोड़ रुपये की मार्केट कैपिटलाइजेशन की गिरावट दर्ज की गई थी, और अब तक निवेशकों की संपत्ति में लगभग 16 लाख करोड़ रुपये की कमी आ चुकी है।
RBI की मौद्रिक नीति को लेकर संशय- 29 सितंबर से शुरू हुई मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के निर्णय को लेकर बाजार में अस्थिरता है। निवेशकों को डर है कि रेपो रेट में बदलाव या सख्त रुख बाजार पर और असर डाल सकता है।
भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर असमंजस- अमेरिका और भारत के बीच जारी व्यापार वार्ता में टैरिफ और H-1B वीजा से जुड़े मसलों को लेकर स्पष्टता नहीं है, जिससे ग्लोबल निवेशक सतर्क हैं।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
विदेशी निवेशकों की बिकवाली- सितंबर महीने में अब तक FII (Foreign Institutional Investors) ने लगभग ₹30,000 करोड़ की बिकवाली की है, जिससे बाजार में भारी दबाव देखने को मिल रहा है।
आईटी शेयरों में गिरावट- IT सेक्टर की बड़ी कंपनियों जैसे TCS, Infosys, और Wipro के शेयरों में गिरावट आई है, जो वीजा नीतियों और ग्लोबल डिमांड में सुस्ती के कारण हुआ है।
इंडिया VIX में उछाल- बाजार की अस्थिरता को मापने वाला इंडेक्स India VIX 1.3% चढ़कर 11.58% तक पहुंच गया है। इसका बढ़ना यह दर्शाता है कि निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ है और वे जोखिम से बच रहे हैं।
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि जब तक वैश्विक आर्थिक संकेतक स्थिर नहीं होते और विदेशी निवेशकों का भरोसा वापस नहीं आता, तब तक घरेलू बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। आरबीआई की नीति बैठक से पहले निवेशकों का मूड सतर्क है, और ट्रेड डील को लेकर कोई बड़ी सकारात्मक खबर आने पर ही स्थिरता संभव है।
लगातार गिरते बाजार ने छोटे और मझोले निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। सरकार और नीति-निर्माताओं से उम्मीद की जा रही है कि वे जल्दी कोई स्पष्ट और स्थिर आर्थिक नीति प्रस्तुत करेंगे, जिससे निवेशकों को भरोसा मिले और बाजार दोबारा उबर सके।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सिर्फ़ सूचना के लिए है, यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है,निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।