Stock Market: रुपया फिर से संभला, डॉलर के मुकाबले 6 पैसे की बढ़त, लेकिन वैश्विक दबाव जारी, जानें अब कहां पर पहुंचा

भारतीय रुपये ने शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 6 पैसे की बढ़त दिखाई। हालांकि, विदेशी पूंजी निकासी और क्रूड ऑयल की बढ़ी कीमतों ने रुपये की मजबूती को सीमित किया है।

Updated : 26 September 2025, 12:44 PM IST
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New Delhi: भारतीय रुपये में इस सप्ताह एक मामूली बढ़त देखने को मिली है, जो विदेशी मुद्रा कारोबारियों के लिए एक राहत की बात है। शुक्रवार 26 सितंबर 2025 को भारतीय रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले छह पैसे की बढ़त दर्ज की। इसके बाद रुपये की कीमत 88.70 प्रति डॉलर तक पहुंच गई, जो गुरुवार को अपने सर्वकालिक निचले स्तर 88.76 से थोड़ा बेहतर था।

क्रूड ऑयल और विदेशी निवेशकों का दबाव कायम

हालांकि, रुपये में यह सुधार मुख्यतः दो कारणों से हुआ। एक ओर जहां भारत और अमेरिका के बीच संभावित व्यापारिक समझौते से बाजार में सकारात्मकता आ रही है, वहीं दूसरी ओर डॉलर में कमजोरी भी इस बढ़त का एक अहम कारण बनी। लेकिन, विदेशी पूंजी की निकासी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों में वृद्धि ने रुपये के लिए अधिक मजबूती हासिल करना मुश्किल बना दिया है।

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प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)

इससे पहले, भारतीय रुपये में लगातार गिरावट देखी गई थी, जो विदेशी निवेशकों द्वारा पूंजी निकासी, एच-1बी वीजा शुल्क में वृद्धि, और फार्मा उत्पादों पर टैरिफ लगाने जैसे आर्थिक कारणों से प्रभावित हुआ। गुरुवार को भारतीय रुपया 88.76 प्रति डॉलर के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये ने छिटपुट सुधार दिखाया।

अमेरिकी डॉलर से 88.70 के स्तर पर पहुंचा

विदेशी मुद्रा बाजार में भारतीय रुपये के सुधार के बावजूद, वैश्विक स्तर पर ब्रेंट क्रूड की कीमत 69.57 डॉलर प्रति बैरल पर बनी रही, जो कि रुपये पर दबाव डालने वाली एक अन्य वजह है। इसके अलावा, भारतीय शेयर बाजार भी दबाव में रहा, और बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 329.66 अंक गिरकर 80,830.02 अंक पर पहुंच गया। एनएसई निफ्टी 50 भी 105.7 अंक गिरकर 24,785.15 अंक पर था।

फॉरेक्स ट्रेडर्स के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) ने भी बिकवाली की, और उन्होंने 4,995.42 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे भारतीय बाजार पर और दबाव पड़ा।

संक्षिप्त में, भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले सुधार दिखा है, लेकिन वैश्विक आर्थिक कारक जैसे क्रूड ऑयल की बढ़ी कीमतें और विदेशी पूंजी निकासी रुपये के लिए स्थिरता को चुनौती दे रहे हैं।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 26 September 2025, 12:44 PM IST