

22 सितंबर से शुरू हो रहे नवरात्र के पहले ही सरकार ने पूजा सामग्री पर GST दरों में बड़ी कटौती कर दी है। अब भगवान की मूर्तियां, अगरबत्ती, धूप, घी, माचिस, सजावटी सामान जैसी वस्तुएं पहले से कम कीमत पर मिलेंगी। आम जनता के लिए यह त्योहारी तोहफा है।
पूजा सामग्री पर GST कटौती
New Delhi: 22 सितंबर से देशभर में शारदीय नवरात्र 2025 की शुरुआत हो रही है। यह नौ दिनों तक चलने वाला त्यौहार भारत में आस्था, भक्ति और भव्यता का प्रतीक होता है। इस शुभ अवसर से ठीक पहले केंद्र सरकार ने देशवासियों को एक और बड़ी राहत दी है- पूजा सामग्री पर GST दरों में कटौती।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर 2025 को जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद यह घोषणा की थी कि पूजा सामग्री से जुड़ी वस्तुओं पर जीएसटी की दरों को 12% या 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इस निर्णय के तहत लगभग 400 से अधिक वस्तुओं पर टैक्स दरों में बदलाव किया गया, लेकिन पूजा सामग्री पर किए गए बदलाव को लेकर विशेष ध्यान आकर्षित किया गया है।
पूजा सामग्री पर GST कटौती
GST दरों के तहत पूजा सामग्री और संबंधित वस्तुएं अब पहले से सस्ती हो गई हैं। पहले जहां लकड़ी, पत्थर या धातु की मूर्तियों पर 12% जीएसटी लगता था, अब यह घटाकर 5% कर दिया गया है। अगरबत्ती और गैर-ब्रांडेड धूप बत्ती/शंकु पर पहले से ही 5% GST लागू था, जो यथावत है। लेकिन ब्रांडेड धूप स्टिक/कोन, जिस पर पहले 12% टैक्स था, अब उसे भी 5% के दायरे में ला दिया गया है। सुगंधित मोमबत्तियां और सुगंधित तेल, जिन पर पहले 12% से 18% तक GST लगता था, अब इन्हें 5% से 18% के स्लैब में रखा गया है, जिससे कुछ उत्पाद सस्ते हो गए हैं। घी, जो हर पूजा में इस्तेमाल होता है, अब 12% के बजाय सिर्फ 5% GST पर मिलेगा। इसके साथ ही जैम, जेली, मुरब्बा, फल प्यूरी या पेस्ट जैसे खाद्य उत्पाद, जिन पर पहले 12% टैक्स लगता था, अब ये भी 5% टैक्स के अंतर्गत आ गए हैं। माचिस की तीलियां, जो पहले 12% के टैक्स स्लैब में थीं, अब केवल 5% GST पर उपलब्ध होंगी। इसी प्रकार, पूजा से जुड़े टेबलवेयर, धातु किचनवेयर और साज-सज्जा के सिरेमिक आइटम्स पर भी अब 5% ही जीएसटी लगेगा, जो पहले 12% था। अंत में, पीतल, तांबा या अन्य धातुओं से बनी हस्तशिल्प कलाकृतियां, जिन पर पहले 12% टैक्स था, उन्हें भी अब 5% GST के तहत लाया गया है।
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अगरबत्ती और धूपबत्ती के निर्माण में उपयोग होने वाली कच्ची सामग्रियों पर भी GST दरों में बदलाव किया गया है, जिससे इनके उत्पादक और उपभोक्ता दोनों को लाभ मिलेगा। सबसे पहले, बांस की छड़ें, जो अगरबत्ती का मुख्य आधार होती हैं, उन पर पहले 12% GST लगाया जाता था, लेकिन अब इसे घटाकर केवल 5% कर दिया गया है, जिससे उत्पादन लागत में कमी आएगी। वहीं, सुगंधित तेल, जो अगरबत्ती और धूपबत्ती की खुशबू का प्रमुख स्रोत है, उस पर 18% GST पहले से लागू था और यह दर यथावत रखी गई है, यानी इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके अलावा, राल (जैसे गुग्गुल और लोबान), जो पूजा में भी उपयोगी होते हैं और अगरबत्ती निर्माण में भी इस्तेमाल होते हैं, उन पर पहले 5% से 12% तक का GST लागू था, जिसे अब सभी पर統 रूप से 5% कर दिया गया है। बाइंडिंग पाउडर, जो अगरबत्ती को आकार और स्थायित्व देने के लिए प्रयोग में आता है, उस पर पहले से ही 5% जीएसटी लागू था और वह दर बिना किसी बदलाव के यथावत रखी गई है।
1. आम आदमी को राहत:
पहले 12% से 18% जीएसटी के चलते पूजा सामग्री की कीमतें आसमान छू रही थीं। खासकर त्योहारों में इसका असर ज्यादा दिखता था। अब कीमतों में गिरावट से सभी वर्गों को लाभ मिलेगा।
2. लोकल कारीगरों को बढ़ावा:
देशभर में मूर्तियां, धूप-अगरबत्ती जैसी सामग्रियों का निर्माण स्थानीय कारीगरों और लघु उद्योगों द्वारा किया जाता है। टैक्स में कटौती से इनके उत्पादों की मांग बढ़ेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
3. धार्मिक भावनाओं का सम्मान:
त्योहारी सीजन में सरकार का यह कदम जनभावनाओं के अनुरूप माना जा रहा है। इससे लोगों में सरकार के प्रति सकारात्मकता भी बढ़ेगी।
• मां दुर्गा की मूर्तियां: अब केवल 5% जीएसटी लगेगा, जिससे पंडालों के लिए बड़ी मूर्तियां भी सस्ती होंगी।
• अगरबत्ती और धूप: जो हर पूजा में उपयोग होती हैं, उन पर कोई नया टैक्स नहीं लगा, बल्कि ब्रांडेड उत्पाद भी सस्ते हुए।
• घी और माचिस: दोनों चीजें नवरात्र के व्रत और आरती में आवश्यक होती हैं। इनके दाम भी अब कम हो जाएंगे।