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यदि आप नौकरी करते हैं तो आपको ग्रेच्युटी की सारी जानकारी होनी चाहिए। डाइनामाइट न्यूज़ में जानें ग्रेच्युटी क्या होती है।
ग्रेच्युटी (सोर्स- इंटरनेट)
नई दिल्लीः क्या आप नौकरी करते हैं? अगर हां, तो आपको ग्रेच्युटी के बारे में तो पता ही होगा। ग्रेच्युटी एक कर्मचारी की सेवा का सम्मान है और एक वित्तीय सुरक्षा भी है। इसके नियम और गणना पद्धति को समझना हर कर्मचारी के लिए जरूरी है, ताकि भविष्य में कोई परेशानी ना हो।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक यदि आप ग्रेच्युटी के बारे में नहीं जानते हैं तो फटाफट इसेक बारे में जान लें, क्योंकि क्या पता कब इसकी जरूरत पढ़ जाए। आइए फिर हम आपको ग्रेच्युटी से जुड़ी सारी जानकारी बताते हैं कि ग्रेच्युटी होती क्या है, किसे मिलती है, कैसे कैलकुलेट की जाती है और अन्य बातें।
क्या है ग्रेच्युटी?
ग्रेच्युटी एक प्रकार की राशि है जो नियोक्ता द्वारा कर्मचारियों को उनकी लंबी सेवा और कंपनी में योगदान को मान्यता देने के लिए भुगतान की जाती है। बता दें कि यह भुगतान एकमुश्त राशि में किया जाता है, जब एक कर्मचारी पांच वर्ष की सेवा पूरी करने, रिटायर होने, मृत्यु होने या अक्षम होने के बाद इस्तीफा देता है।
किसे मिलती है ग्रेच्युटी?
ग्रेच्युटी उन कर्मचारियों को मिलती है जिन्होंने एक ही नियोक्ता के साथ निरंतर पांच वर्षों की सेवा पूरी की है। हालांकि मृत्यु या स्थायी विकलांगता के मामले में यह शर्त माफ कर दी जाती है और ग्रेच्युटी तुरंत देय हो जाती है।
ग्रेच्युटी कैसे कैलकुलेट की जाती है?
यदि आपको किसी कंपनी में पांच साल से अधिक समय काम करे हो गया है और अगर आप कंपनी छोड़ने का प्लान रहे हैं तो आपको ग्रेच्युटी की गणना करनी आनी चाहिए। आपको आपकी कंपनी ग्रेच्युटी दे रही है तो आप ग्रेच्युटी की गणना विभिन्न फॉर्मूले के आधार पर कर सकते हैं। बता दें कि ग्रेच्युटी का फॉर्मूला कुछ इस प्रकार है। ग्रेच्युटी का फॉर्मूला अंतिम सैलरी x (15/26) x सेवा के वर्षों की संख्या है।
अंतिम सैलरी से मतलब बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता का योग है। सेवा के वर्षों की संख्या में 6 महीने से अधिक की अवधि को 1 वर्ष माना जाता है, जबकि 6 महीने से कम की अवधि को अनदेखा किया जाता है।
क्या ग्रेच्युटी पर इनकम टैक्स चुकाना होगा?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ग्रेच्युटी पर टैक्स छूट की सीमा निम्नलिखित है।
1. सरकारी कर्मचारियों के लिए, पूरी ग्रेच्युटी राशि पूरी तरह से टैक्स से छूट है।
2. ग्रेच्युटी एक्ट के तहत कवर किए गए कर्मचारियों के लिए, अधिकतम टैक्स छूट ₹20 लाख है।
3. ग्रेच्युटी एक्ट के तहत कवर नहीं किए गए कर्मचारियों के लिए, टैक्स छूट की सीमा ₹10 लाख है।