

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक आज से शुरू हो रही है। इसमें 12% और 28% स्लैब हटाकर केवल 5% और 18% की दरें रखने का प्रस्ताव है। कुछ वस्तुओं पर 40% की विशेष दर लागू हो सकती है।
जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक (Img: Google)
New Delhi: देशभर की नजर आज से शुरू हो रही जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक पर टिकी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर जीएसटी सुधारों का रोडमैप पेश किए जाने के बाद यह बैठक और भी अहम हो गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि इसमें कर ढांचे में बड़े बदलावों का रास्ता साफ होगा।
बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी। प्रस्तावित सुधारों के तहत मौजूदा 12% और 28% टैक्स स्लैब को खत्म कर केवल 5% और 18% की दरें लागू करने की संभावना है। वहीं, कुछ विशेष वस्तुओं पर 40% का अतिरिक्त कर लगाया जा सकता है।
जीएसटी ढांचे में बदलाव का असर सीधे उपभोक्ताओं और राज्यों के राजस्व पर पड़ेगा। कर दरों में कटौती से आम जनता को राहत तो मिलेगी, लेकिन विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों ने आशंका जताई है कि इससे उनके राजस्व में भारी कमी आएगी। उन्होंने केंद्र से इसकी भरपाई की मांग की है।
जीएसटी काउंसिल बैठक (Img: Google)
सूत्रों के मुताबिक, घी, मेवे, 20 लीटर पैक्ड पानी, नमकीन, कुछ जूते-चप्पल, परिधान, दवाइयां और चिकित्सा उपकरण जैसी वस्तुओं को 12% से घटाकर 5% स्लैब में लाने पर विचार किया जा रहा है।
पेंसिल, साइकिल, छाता और हेयर पिन जैसी वस्तुएं भी 5% स्लैब में लाई जा सकती हैं।
टीवी, वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% किया जा सकता है।
इस समय वाहनों पर 28% जीएसटी और क्षतिपूर्ति उपकर लागू है। प्रस्ताव के मुताबिक, शुरुआती स्तर की कारों पर 18% जीएसटी लागू होगा, जबकि एसयूवी और लक्जरी गाड़ियों पर 40% की विशेष दर लागू की जाएगी।
40% का यही टैक्स दर तंबाकू, पान मसाला और सिगरेट जैसी अवगुणों से जुड़ी वस्तुओं पर भी लागू होगी। इसके ऊपर अतिरिक्त टैक्स लगाने की संभावना भी है।
जीएसटी मंत्री समूह ने 40 लाख रुपये तक कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर 18% जीएसटी का समर्थन किया है। हालांकि, केंद्र सरकार चाहती है कि इन वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए केवल 5% की दर ही रखी जाए।
पश्चिम बंगाल समेत कई विपक्षी राज्यों ने मांग की है कि 40% दर से ऊपर वसूला गया कोई भी अतिरिक्त कर राज्यों के साथ साझा किया जाए। इसमें हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
जीएसटी काउंसिल इन प्रस्तावों पर 3-4 सितंबर को विचार करेगी। यदि सहमति बनती है तो आम जनता को दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर बड़ी राहत मिलेगी, वहीं राज्यों और केंद्र के बीच राजस्व साझेदारी को लेकर खींचतान भी तेज हो सकती है।