GST Reform: खाद्य और वस्त्र उत्पादों पर 5% स्लैब लाने का विचार कर रही सरकार, मध्यवर्ग को मिलेगा दिवाली तोहफा!

प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को जीएसटी सुधारों का ऐलान किया था, जिसमें 5% और 18% की दो दरें प्रस्तावित हैं। अब सरकार खाद्य पदार्थों और वस्त्रों को 5% स्लैब में लाने पर विचार कर रही है, जिसे अगले महीने की शुरुआत में होने वाली GST Council की बैठक में चर्चा के लिए रखा जाएगा।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 26 August 2025, 2:51 PM IST
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New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से दिए गए भाषण में GST सुधारों का ऐलान करते हुए संकेत दिया था कि कर दरों में व्यापक बदलाव आने की राह पर हैं। उनका वादा था कि "अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों" के जरिए कर प्रणाली को सरल बनाया जाएगा और उपभोक्ताओं पर कर का बोझ कम किया जाएगा

जीएसटी सुधार का बड़ा प्रस्ताव

बता दें कि अब सरकार खाद्य उत्पादों और वस्त्रों को 5% GST स्लैब में लाने पर विचार कर रही है। यह कदम आम आदमी के खर्चों को कम करने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्रियों की समूह (GoM) ने इसे GST Council में अंतिम रूप देने के लिए भेज दिया है। अगर यह स्वीकृत होता है, तो GST का ढांचा काफी सरल हो जाएगा और दैनिक उपयोग की वस्तुएं और सस्ते हो जाएंगी

दो स्लैब की ओर कदम

सरोकार रखते GoM की मीटिंग में यह प्रस्ताव भी रखा गया है कि वर्तमान में मौजूद 12% और 28% स्लैब को हटाकर केवल दो (5% व 18%) स्लैब को लागू किया जाए। इसके अलावा, लक्ज़री और अभिशापित वस्तुओं पर 40% की दर रखी जा सकती है। इस ढांचे से कर प्रणाली बेहद आसान, पारदर्शी और बिजनेस-फ्रेंडली बनेगी

अन्य संभावित कटौती

सरकार सीमेंट पर भी GST की दर को 28% से घटाकर 18% करने पर विचार कर रही है, यह निर्माण और अवसंरचना क्षेत्र की पुरानी मांग रही है। इसके साथ ही, मध्यम और उच्च श्रेणी के सैलून और ब्यूटी पार्लर जैसी सेवाओं पर भी टैक्स दर को 18% से घटाकर 5% करने पर मंथन चल रहा है।

इसके अलावा, टर्म इंश्योरेंस और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर GST को खत्म करने की भी योजना पर विचार हो रहा है, ताकि इन महत्वपूर्ण सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाया जा सके

जरूरत और अवसर

विश्लेषकों की राय है कि अगर खाद्य, वस्त्र और दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर GST को 5% तक घटाया गया, तो इससे उपभोक्ता खर्च और घरेलू मांग में वृद्धि की उम्मीद है। इससे मुद्रास्फीति पर दबाव भी कम हो सकता है और केंद्र सरकार का “Diwali Gift” आम आदमी के लिए एक व्यवहारिक राहत बन सकता है

राजस्व पक्ष पर संभावित प्रभाव

भारत सरकार ने अभी तक इस पर होने वाले संभावित राजस्व हानि का पूर्ण आकलन जारी नहीं किया है। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, इस सुधार से 40,000 करोड़ रुपये तक की राजस्व हानि हो सकती है, जबकि अन्य अनुमानों में यह नुकसान 50,000 करोड़ रुपये तक हो सकता है

GST Council की अगली बैठक 3-4 सितंबर 2025 को होने वाली है, जहां इन प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। इसके पहले 2 सितंबर को संबंधित अधिकारी बैठक भी करेंगे। सरकार का उद्देश्य सभी प्रस्तावों को दशहरा–दिवाली तक लागू करना है, जिससे त्योहारों के मौसम में जनता और व्यवसायों को मिल सके राहत और उत्साह भरा तोहफा।

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