पाकिस्तानी जासूस के संपर्क में थे सरकारी विभागों के 15 अधिकारी, खुफिया जानकारी भेजने का सनसनीखेज खुलासा

भारत में सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़े जासूसी रैकेट का पर्दाफाश किया है। जांच में खुलासा हुआ है कि सीआरपीएफ एएसआई मोती राम जाट के साथ-साथ सेना, अर्द्धसैनिक बल और सरकारी विभागों के 15 अन्य अधिकारी पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में थे।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 26 August 2025, 12:37 PM IST
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New Delhi: भारत की सुरक्षा एजेंसियों को जासूसी से जुड़ा एक बड़ा नेटवर्क पकड़ने में सफलता मिली है, जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच में सामने आया है कि सिर्फ सीआरपीएफ असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर मोती राम जाट ही नहीं, बल्कि सेना, पैरामिलिट्री बल और विभिन्न सरकारी विभागों से जुड़े 15 अन्य अधिकारी भी पाकिस्तानी जासूस के संपर्क में थे।

सूत्रों के अनुसार, इस मामले की जांच नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) और अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा की जा रही है। मोती राम जाट को 27 मई को गिरफ्तार किया गया था। उससे पूछताछ और टेक्निकल सर्विलांस के जरिए यह सनसनीखेज जानकारी सामने आई।

कॉल रिकॉर्ड्स और डेटा से हुआ खुलासा

जांच में पता चला कि 15 संदिग्ध फोन नंबर ऐसे हैं जो एक पाकिस्तानी ऑपरेटिव, जिसका कोड नेम सलीम अहमद है, के संपर्क में थे। जब इन नंबर्स की कॉल रिकॉर्ड्स और इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल्स को खंगाला गया, तो यह तथ्य सामने आया कि इनमें से 4 नंबर भारतीय सेना के जवानों के, 4 नंबर अर्द्धसैनिक बलों के जवानों के और 7 नंबर सरकारी विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों से जुड़े हुए हैं।

कोलकाता से खरीदा गया सिम

मोती राम जाट जिस नंबर के जरिए संपर्क में था, वह सिम कोलकाता से खरीदा गया था। चौंकाने वाली बात यह है कि सिम एक पाकिस्तानी महिला से शादी करने वाले भारतीय नागरिक द्वारा खरीदा गया था, जो अब पाकिस्तान में रहता है और साल में दो बार कोलकाता आता है। सिम एक्टिवेशन के लिए भेजा गया OTP लाहौर में बैठे ऑपरेटिव को भेजा गया था।

दो साल तक रेगुलर भुगतान

जांच में यह भी पता चला है कि मोती राम जाट को हर महीने 12,000 रुपये तक की राशि दी जाती थी। ये पैसे महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, असम, दिल्ली, हरियाणा और पश्चिम बंगाल से उसके अकाउंट में भेजे जाते थे। सुरक्षा एजेंसियां अब इन ट्रांजैक्शन की कड़ियों को जोड़ने में जुटी हैं।

पत्रकार के जरिए शुरू हुआ संपर्क

मोती राम जाट ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसका संपर्क पहले चंडीगढ़ की एक महिला पत्रकार से हुआ था। इसके बाद फोन और वीडियो कॉल के जरिए बातचीत शुरू हुई, जिसमें उसने डॉक्यूमेंट्स शेयर किए। धीरे-धीरे उसके संपर्क में एक पाकिस्तानी अधिकारी आया, जिसके साथ वह संवेदनशील सूचनाएं साझा करता रहा।

लीक की गई संवेदनशील जानकारियां

सूत्रों ने बताया कि जाट ने पाकिस्तानी हैंडलर को जवानों की तैनाती, सुरक्षा एजेंसियों के सेंटर और मूवमेंट से जुड़ी खुफिया जानकारियां भेजीं। ये जानकारियां भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे का संकेत हैं। NIA और अन्य एजेंसियां अब इन 15 संदिग्ध नंबर्स के मालिकों की गिरफ्तारी और पूछताछ की तैयारी कर रही हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी नामचीन अधिकारी इस जांच के दायरे में आ सकते हैं।

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Published : 
  • 26 August 2025, 12:37 PM IST