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उत्तर भारत में पड़ रही कड़ाके की ठंड का असर रायबरेली में भी देखने को मिल रहा है । जिला प्रशासन की तरफ से इस हाड़कपाऊ ठंड में खुले आसमान के नीचे मजबूरी वश रहने वाले लोगों के लिये रैन बसेरों की व्यवस्था की गई है। शहर में 2 स्थाई व 4 अस्थाई रैन बसेरे बनाये गए हैं। देखिये ग्राउंड जीरो से खास रिपोर्ट
Raebareli: उत्तर भारत में पड़ रही कड़ाके की ठंड का असर रायबरेली में भी देखने को मिल रहा है । जिला प्रशासन की तरफ से इस हाड़कपाऊ ठंड में खुले आसमान के नीचे मजबूरी वश रहने वाले लोगों के लिये रैन बसेरों की व्यवस्था की गई है। शहर में 2 स्थाई व 4 अस्थाई रैन बसेरे बनाये गए हैं। जिनमे रजाई व बिस्तर के साथ 10-10 फॉलिंड महिलाओं व पुरुषों के लिये अलग अलग रखी गई हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ ने रैन बसेरे की व्यवस्था को लेकर रेलवे स्टेशन पर जायजा लिया तो यहां पर नगर पालिका द्वारा बनाई गई निशुल्क रैन बसेरे में व्यवस्था ठीक पाई गई। हालांकि इसके पास ही मंदिर के नजदीक कुछ लोग कंबल व प्लास्टिक की बोरी लेकर लेटे नजर आए। जब हमने उनसे पूछा कि वह रैन बसेरे में क्यों नहीं रह रहे हैं तो उनका कहना था कि उन्हें खुले आसमान में रहना ठीक लगता है वे हमेशा ऐसे ही रहते हैं।
एक बुजुर्ग दंपति से हमने पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं मालूम था कि वह रैन बसेरे में भी रह सकते हैं। हमारे द्वारा जब उनको जानकारी मिली तो उन्होंने गलती स्वीकार करते हैं कहा कि वह रैन बसेरे में रहेंगे। रैन बसेरा के केयरटेकर से जब पूछा गया कि यहां पर रुकने की क्या नियम हैं तो उन्होंने कहा कि कोई भी पहचान पत्र व मोबाइल नंबर देकर जरूरतमंद व्यक्ति यहां रात गुजार सकता है। यदि उसके पास कोई पहचान पत्र भी नहीं है तब भी उसे यहां रहने से नहीं रोका जाता।
उन्होंने यह बताया कि यहां स्टेशन पर बहुत से लोग परमानेंट रहते करते हैं ज्यादातर वे लोग होते हैं जो नशा करते हैं और भीख मांगते हैं। ऐसे लोगों से माहौल यहां खराब ना हो इसका भी ध्यान दिया जाता है। आपको बता दें कि जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने भी कुछ दिन पहले यहां पर दौरा करके जायजा लिया था और व्यवस्था पर संतोष जाहिर किया था।