Uttarakhand: सैलानियों के दीदार के लिए खुली विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी, हर 15 दिन में करती है नया शृंगार

उत्तरांखंड के चमोली जिले में स्थित प्रसिद्ध फूलों की घाटी को रविवार सुबह पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 1 June 2025, 4:02 PM IST
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चमोली: उत्तराखंड के चमोली जनपद स्थित विश्व धरोहर फूलों की घाटी (Valley of Flowers) रविवार यानी एक जून से पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। सुबह 7 बजे नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के मुख्य द्वार पर विधिवत पूजा-अर्चना के साथ घाटी को सैलानियों के लिए खोला गया। पहले ही दिन बड़ी संख्या में पर्यटक इस मनमोहक घाटी का दीदार करने पहुंचे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पर्यटकों का पहला दल घाटी के अंतिम पड़ाव घांघरिया से रवाना हआ। जिनका वन विभाग ने मैन गेट पर स्वागत किया।

जानकारी के अनुसार विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी में करीब 500 से अधिक देसी-विदेशी फूल खिलते हैं। इनमें ब्रह्मकमल, ब्लू पोपी, प्रिमुला, कोबरा लिली और कई दुर्लभ प्रजातियां शामिल है। ये फूलों की घाटी अपनी मनमोहक सुंदरता और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। घाटी में बर्फ पिघलने के बाद फूलों का खिलना शुरू हो जाता है। जिसे देखने के लिए देश-विदेश से बड़ी तादाद में पर्यटक आते हैं।

यह घाटी वर्ष 2005 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध की गई थी और इसे संरक्षित जैव विविधता के लिए वैश्विक मान्यता प्राप्त है।

चमोली में फूलों की घाटी

फूलों की घाटी पर्यटकों की घूमने के लिए पहली पसंद रहती है। यहां हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। घाटी को हर साल एक जून को पर्यटकों की आवाजाही के लिए खोला जाता है और 31 अक्तूबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिया जाता है।

प्रकृति प्रेमियों, ट्रैकिंग के शौकीनों और फोटोग्राफरों के लिए यह घाटी एक स्वर्ग समान है। वन विभाग ने पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए प्रतिदिन सीमित संख्या में पर्यटकों को प्रवेश की अनुमति देने की व्यवस्था की है।

यह घाटी अपने रंग-बिरंगे फूलों और शांत वातावरण के कारण देश-विदेश के सैलानियों के लिए खास आकर्षण का केंद्र रहती है। जीवन की भागदौड़ और रोजमर्रा के जीवन में उपजे तनाव को दूर करने के लिए वह यहां शांति का पल बिताता है।

फूलों की घाटी का मनमोहक दृष्य

इस साल पर्यटकों के लिए एक अतिरिक्त सुविधा भी जोड़ी गई है। अब आप घर बैठे ऑनलाइन भी फूलों की घाटी की बुकिंग कर सकते हैं। जून महीने में 62 सैलानियों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन कराया है। इस घाटी का दीदार करने के लिए हजारों की संख्या में जून से लेकर अक्टूबर तक सैलानी यहां पहुंचते हैं।

जोशीमठ के एसडीएम चंद्रशेखर वशिष्ठ ने बताया कि वन विभाग ने फूलों की घाटी में पर्यटकों के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। दुर्गम पहाड़ी रास्तों को दुरुस्त कर दिया गया है। जहां-जहां ग्लेशियरों के कारण रास्ते क्षतिग्रस्त हुए थे उन्हें भी ठीक कर दिया गया है।

फूलों की घाटी की वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने बताया कि बर्फबारी में टूटे रास्तों की मरम्मत के साथ वहां बहने वाले गदेरों में अस्थायी पुलिया भी बना ली गई हैं। इस साल फूलों की घाटी में आने वालों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की भी व्यवस्था की गई है। घाटी में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी गई हैं।

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