

उत्तराखंड में मौसम ने एक नया मोड़ लिया है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राज्य के कई इलाकों में बारिश हो रही है और पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी भी देखने को मिल रही है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में चेतावनी जारी की है।
उत्तराखंड में बर्फबारी और बारिश का तूफान (सोर्स- गूगल)
Dehradun: बीते सोमवार से उत्तराखंड का मौसम अचानक बदल गया है। राज्य में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण कई जिलों में बारिश हो रही है और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सीजन की पहली बर्फबारी हो चुकी है। देहरादून में बारिश के चलते तापमान में 6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखी गई है, वहीं केदारनाथ धाम में बर्फबारी ने ठंड को और बढ़ा दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के अधिकतर जनपदों में गर्जन के साथ हल्की से मध्यम वर्षा और बर्फबारी की संभावना बनी हुई है।
बीते सोमवार को देहरादून में झमाझम बारिश हुई, जिससे मौसम में ठंडक आ गई। सोमवार का अधिकतम तापमान 27.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग ने मंगलवार को भी हल्की से मध्यम बारिश और आकाशीय बिजली के गिरने का अनुमान जताया है। देहरादून में आज अधिकतम तापमान 30 डिग्री और न्यूनतम तापमान 19 डिग्री रहने का अनुमान है।
सोमवार को केदारनाथ धाम में सीजन की पहली बर्फबारी हुई, जिससे पूरा क्षेत्र बर्फ की चादर में ढक गया। बर्फबारी के बाद धाम और आसपास के क्षेत्र कड़ाके की ठंड से प्रभावित हो गए हैं। मौसम विभाग ने 6 और 7 अक्टूबर को ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना जताई थी। रुद्रप्रयाग आपदा प्रबंधन विभाग ने यात्रियों से अपील की है कि वे गर्म कपड़े और अन्य आवश्यक सामान लेकर यात्रा करें।
उत्तराखंड में बारिश से ठंड का जोरदार असर (सोर्स- गूगल)
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तराखंड के कई जिलों में तेज बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। 4000 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी जारी रहेगी, वहीं निचले क्षेत्रों में बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है। राज्य के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जनपदों में भारी बारिश और बर्फबारी की चेतावनी जारी की गई है।
राज्य में इस समय पर्यटन का मौसम है, खासकर केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान। 23 अक्टूबर को केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। मौसम के इस बदलाव को देखते हुए यात्रियों से सावधानी बरतने की अपील की गई है।
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बारिश और बर्फबारी का असर कृषि क्षेत्र पर भी पड़ सकता है। खासकर बर्फबारी से ऊंचाई वाले इलाकों में फसलें प्रभावित हो सकती हैं। किसानों को अपनी फसलों के बचाव के लिए तैयारी करने की आवश्यकता है।