

उत्तराखंड के मौसम में अचानक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है, मानसून की विदाई के बाद भी बारिश जानें का नाम नहीं ले रही है। कुछ जिलों में प्रशासन अलर्ट मोड पर है और गतिविधियों पर रोक लगी है। अगले 48 घंटे बेहद अहम हैं। जानिए क्या है वजह और किन इलाकों पर सबसे ज्यादा खतरा।
उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट (सोर्स- इंटरनेट)
Dehradun: उत्तराखंड में ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है, जिसके प्रभाव से 6 और 7 अक्टूबर को राज्य के विभिन्न हिस्सों में मूसलधार बारिश होने का पूर्वानुमान है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मौसम विभाग ने इन दो दिनों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
मौसम विभाग ने 6 अक्टूबर को राज्य के पांच जिलों चमोली, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और नैनीताल में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना जताई गई है। इसके अलावा 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चलने की संभावना है।
4000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो सकती है, जिससे यात्रा करने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। चमोली जिला प्रशासन ने उच्च हिमालय क्षेत्रों में ट्रैकिंग और निर्माण कार्यों पर 6 और 7 अक्टूबर के लिए रोक लगा दी है।
मौसम विभाग के निदेशक सीएस तोमर के अनुसार, इस पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राज्य में तापमान में गिरावट आ सकती है। 6 और 7 अक्टूबर को भारी बारिश के कारण प्रदेश में मौसम काफी बदल सकता है, जिससे ठंड बढ़ने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, 8 अक्टूबर तक राज्य के अधिकांश हिस्सों में मौसम का मिजाज बदला रहेगा। कुछ इलाकों में भारी बारिश और ओलावृष्टि के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं। इस दौरान प्रदेशवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
मौसम विभाग की ओर से यह भी चेतावनी दी गई है कि राज्य के पर्वतीय इलाकों में यात्रा करने वाले लोगों को अत्यधिक सतर्कता बरतनी चाहिए। मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण सड़क मार्गों पर रुकावट और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है।
आने वाले दो दिनों के दौरान उत्तराखंड में मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदलने की संभावना है। भारी बारिश, ओलावृष्टि और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण प्रदेशवासियों को यात्रा और अन्य गतिविधियों में सावधानी बरतने की अपील की जा रही है।