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उत्तराखंड में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम बदलने के आसार हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में बादल और ठंड बढ़ने की संभावना जताई गई है। माणा गांव के पास 18,000 फीट ऊंचाई पर स्थित देवताल झील कड़ाके की ठंड से जम गई है, जिससे पर्यटक रोमांचित हैं।
पहाड़ों में ठंड बढ़ने के आसार (सोर्स- गूगल)
Dehradun: उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में एक बार फिर मौसम करवट ले सकता है। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से आने वाले दिनों में पहाड़ी जिलों में ठंडक बढ़ सकती है।
फिलहाल प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में धूप खिली हुई है, लेकिन हवा में हल्की ठंड महसूस की जा रही है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में भी इस बार ठंड सामान्य से कम बनी हुई है, मगर आगामी दिनों में इसमें वृद्धि होने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के अनुसार, उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण आंशिक बादल छाने की संभावना है। यह प्रणाली सोमवार से सक्रिय होगी, जिससे तापमान में गिरावट आएगी। विभाग का अनुमान है कि चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जैसे ऊंचे इलाकों में रात का पारा तीन से चार डिग्री तक गिर सकता है।
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मैदानी क्षेत्रों में भी सुबह और शाम के समय ठंड बढ़ने लगेगी। देहरादून और हरिद्वार में फिलहाल दिन के समय धूप निकली है, लेकिन शाम होते ही हवा ठंडी महसूस हो रही है। रविवार को दिनभर धूप के बावजूद लोगों को गर्मी का एहसास नहीं हुआ।
चमोली जिले के माणा गांव के पास भारत-चीन सीमा क्षेत्र में स्थित देवताल झील कड़ाके की ठंड के कारण पूरी तरह से जम चुकी है। लगभग 18,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह झील हर साल सर्दियों में बर्फ की चादर ओढ़ लेती है, लेकिन इस बार यह अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में ही जम गई है।
हाल के दिनों में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हुई, जिससे तापमान में तेजी से गिरावट आई। स्थानीय लोगों के अनुसार, देवताल झील के आसपास के सभी जलस्रोत भी ठिठुरन के कारण जमने लगे हैं।

देवताल झील तक पहुंचना आसान नहीं है। यह क्षेत्र भारत-चीन सीमा के पास होने के कारण यहां जाने के लिए इनर लाइन परमिट लेना अनिवार्य है। स्थानीय प्रशासन की अनुमति के बाद ही सीमित संख्या में पर्यटक यहां पहुंच पाते हैं।
बर्फ से जमी देवताल झील को देखने के लिए इन दिनों साहसिक पर्यटन प्रेमियों की दिलचस्पी बढ़ी है। पर्यटक बर्फ से ढके इस प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने और फोटोग्राफी के लिए यहां पहुंच रहे हैं। सोशल मीडिया पर झील की ताजा तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनमें झील का पानी ठोस बर्फ में तब्दील नजर आ रहा है।
मौसम विभाग का कहना है कि पहाड़ों में बढ़ती ठंड का असर मैदानी इलाकों में भी महसूस किया जाएगा। देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार में सुबह और शाम को तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है। वहीं हल्द्वानी और काशीपुर जैसे क्षेत्रों में हल्की ठंडक महसूस होने लगी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे नवंबर नजदीक आएगा, राज्य के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से नीचे जा सकता है। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे फसलों को पाले से बचाने के लिए रात में सिंचाई करें और पौधों को ढककर रखें।