

मुख्यमंत्री धामी ने वाल्मीकि जयंती पर एक ऐसा संदेश दिया, जो समाज की दिशा बदलने की क्षमता रखता है। क्या उन्होंने किसी नए कदम की घोषणा की है? या समाज में कुछ बड़ा बदलाव आने वाला है? जानने के लिए पढ़ें, इस खास मौके पर उनके विचार।
सीएम धामी ने वाल्मीकि जयंती पर उठाया अहम मुद्दा
Dehradun: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज वाल्मीकि जयंती के अवसर पर महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महर्षि वाल्मीकि के जीवन और उनकी रचनाओं को याद करते हुए उनके योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि का जीवन और उनकी रचनाएं आज भी समाज को मार्गदर्शन देने का काम कर रही हैं और उनका योगदान हमेशा प्रासंगिक रहेगा।
मुख्यमंत्री ने आदिकवि महर्षि वाल्मीकि को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे केवल रामायण के रचनाकार ही नहीं, बल्कि समाज में सत्य, प्रेम, और समानता का प्रतीक थे। उनकी शिक्षा आज भी समाज को सच्चाई, कर्तव्य, और मानवता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।
मुख्यमंत्री ने महर्षि वाल्मीकि के आदर्शों को आत्मसात करने की अपील करते हुए कहा कि उनके द्वारा दी गई शिक्षा हमें हमेशा मानवता, समानता और सम्मान की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा, "महर्षि वाल्मीकि का योगदान केवल साहित्य तक सीमित नहीं है, बल्कि उनका संदेश आज भी हमारे समाज के हर क्षेत्र में प्रासंगिक है।"
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों से अपील की कि वे महर्षि वाल्मीकि के आदर्शों को अपने जीवन में उतारें और एक ऐसा समाज बनाए जहां हर व्यक्ति को समानता और सम्मान मिले। उनका कहना था कि महर्षि वाल्मीकि ने जिस राह को दिखाया, वह आज के समाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है।
महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने उनकी शिक्षा को समाज में समानता, प्रेम और सम्मान की प्रेरणा बताया। आइए, हम भी उनके आदर्शों को अपनाकर एक बेहतर समाज बनाए। #ValmikiJayanti #CMDhami #Equality pic.twitter.com/macjI14cAK
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) October 7, 2025
मुख्यमंत्री धामी ने आगे कहा कि महर्षि वाल्मीकि के जीवन और उनके कार्यों से यह शिक्षा मिलती है कि समाज में हर व्यक्ति को अपने अधिकार प्राप्त होने चाहिए और समाज में किसी भी प्रकार की भेदभाव की जगह नहीं होनी चाहिए। उनका जीवन और उनकी रचनाएं समाज के लिए एक अमूल्य धरोहर हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी के साथ कई अन्य मंत्री, जनप्रतिनिधि और नागरिक भी उपस्थित थे। सभी ने महर्षि वाल्मीकि के योगदान को याद करते हुए उनकी शिक्षाओं को अपनाने का संकल्प लिया।