

शिक्षा परिषद ने आज हाईस्कूल एवं इंटर की वर्ष 2025 की प्रथम परीक्षा तथा वर्ष 2024 की तृतीय अंक सुधार परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए। इन नतीजों का सीधा असर बोर्ड के समग्र परीक्षा परिणाम पर पड़ा। नतीजों ने शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा दी है।
उत्तराखंड बोर्ड रिजल्ट
Dehradun: उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने आज हाईस्कूल एवं इंटर की वर्ष 2025 की प्रथम परीक्षा तथा वर्ष 2024 की तृतीय अंक सुधार परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए। इस बार घोषित नतीजों ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा दी है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि बोर्ड की सुधार परीक्षा ने राज्य के परिणामों में ऐतिहासिक सुधार दर्ज किया है।
जानें बोर्ड के आकड़े
बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, हाई स्कूल में जहां 81.38 प्रतिशत छात्र-छात्राओं ने अंक सुधार परीक्षा में सफलता हासिल की, वहीं इंटर में यह सफलता दर 76.27 प्रतिशत रही। इन नतीजों का सीधा असर बोर्ड के समग्र परीक्षा परिणाम पर पड़ा। वर्ष 2025 की मुख्य परीक्षा में हाई स्कूल का परिणाम 90.77 प्रतिशत था, जो अब सुधार के बाद बढ़कर 95.17 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इसी प्रकार इंटरमीडिएट का कुल परीक्षाफल भी 83.23 प्रतिशत से बढ़कर 89.53 प्रतिशत हो गया।
प्रतीकात्मक छवि
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डॉ. रावत ने जानकारी दी कि अंक सुधार परीक्षा का आयोजन 4 अगस्त से 11 अगस्त तक प्रदेशभर के 97 परीक्षा केंद्रों पर किया गया था। इसमें हाई स्कूल के लिए 6657 और इंटरमीडिएट के लिए 9154 छात्रों ने पंजीकरण कराया था। इनमें मुख्य परीक्षा में असफल रहने वाले और अंशतः उत्तीर्ण दोनों वर्ग के छात्र-छात्राएं शामिल रहे।
उन्होंने यह भी बताया कि निप (NIP) के प्रावधानों के तहत छात्रों को तीन अवसर दिए जाते हैं। वर्ष 2025 की मुख्य परीक्षा में असफल छात्रों के लिए यह पहला मौका था, जबकि वर्ष 2024 की मुख्य परीक्षा में असफल छात्रों के लिए यह तीसरा और अंतिम अवसर था। वर्ष 2024 की तृतीय सुधार परीक्षा में हाई स्कूल का परिणाम 65.79 प्रतिशत और इंटर का परिणाम 60.48 प्रतिशत दर्ज किया गया।
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शिक्षा मंत्री ने सफल छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि यह नतीजे इस बात का प्रमाण हैं कि मेहनत, आत्मविश्वास और संकल्प के बल पर हर कठिनाई को पार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगातार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और हर छात्र को सफलता का अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है।
कुल मिलाकर, उत्तराखंड बोर्ड की अंक सुधार परीक्षाओं ने राज्य के शिक्षा परिणामों में उल्लेखनीय उछाल लाकर यह साबित कर दिया है कि सही अवसर और प्रयास से छात्र अपनी शैक्षिक दिशा बदल सकते हैं।