रामनगर में ट्रैफिक जाम ने बिगाड़ी पर्यटकों की सफारी, 12 किमी का सफर बना 5 घंटे की मुसीबत

उत्तराखंड के रामनगर में रविवार को भीषण ट्रैफिक जाम ने यात्रियों को परेशान करके रख दिया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 8 June 2025, 8:11 PM IST
google-preferred

रामनगर (उत्तराखंड): उत्तराखंड के रामनगर में रविवार को भीषण ट्रैफिक जाम ने यात्रियों को परेशान करके रख दिया है। प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक रामनगर में रविवार को भीषण ट्रैफिक जाम ने पर्यटकों और स्थानीय निवासियों की परेशानियों को चरम पर पहुँचा दिया।

घंटों सड़क पर फंसे लोग

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,  कॉर्बेट नेशनल पार्क की ओर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 309 पर रामनगर और मोहान के बीच सिर्फ़ 12 किलोमीटर की दूरी तय करने में वाहनों को पाँच घंटे से ज़्यादा का समय लग गया। नतीजतन, सैकड़ों पर्यटक अपनी तय जंगल सफ़ारी से चूक गए और कई बीमार, बुज़ुर्ग और बच्चों को घंटों सड़क पर फंसे रहना पड़ा।

दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और लखनऊ जैसे शहरों से पर्यटक सफारी का लुत्फ उठाने आए थे, लेकिन जाम ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। सफारी का समय दोपहर 2 बजे था, लेकिन कई पर्यटक शाम 6 बजे तक भी जाम में फंसे रहे। कुछ पर्यटकों को अपने वाहन छोड़कर पैदल ही चलना पड़ा। गुस्साए पर्यटकों ने सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो के जरिए प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया।

एक पर्यटक ने कहा, "हम दिल्ली से निकले थे, समय पर पहुंच गए, लेकिन सफारी का समय हो गया। क्या प्रशासन ने ट्रैफिक का अंदाजा नहीं लगाया?" एक अन्य पर्यटक ने नाराजगी जताते हुए कहा, "यह एक बेहतरीन पर्यटन स्थल है, लेकिन कोई वैकल्पिक मार्ग और यातायात नियंत्रण नहीं होने से कोई भी व्यक्ति यहां दोबारा जाने से डरेगा।" स्थानीय लोगों ने भी पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि हर वीकेंड यहां बड़ी भीड़ होती है, लेकिन कोई अतिरिक्त बल या वैकल्पिक यातायात योजना नहीं बनाई जाती। यह स्थिति साफ तौर पर दिखाती है कि यातायात नियंत्रण की योजनाएं कागजों तक ही सीमित हैं।

सवाल यह है कि हर साल ऐसी समस्याओं के बावजूद प्रशासन यातायात प्रबंधन को बेहतर क्यों नहीं बना पा रहा है? क्या पर्यटकों की बढ़ती संख्या अप्रत्याशित है? पर्यटन उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है। अगर पर्यटकों को इसी तरह नुकसान होता रहा तो राज्य की छवि पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा। प्रशासन को यातायात प्रबंधन को गंभीरता से लेने की जरूरत है, ताकि पर्यटक प्रकृति की गोद में समय बिता सकें न कि ट्रैफिक जाम में।

Location : 

Published :