

चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट 17 अक्तूबर को शीतकालीन अवकाश के लिए बंद होंगे। छह माह तक भगवान के दर्शन गोपीनाथ मंदिर, गोपेश्वर में होंगे। वन्यजीव प्रभाग ने तीर्थयात्रियों की सुविधाएं बेहतर बनाई हैं।
चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर (सोर्स- इंटरनेट)
Chamoli: चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट 17 अक्तूबर 2025 को शीतकालीन अवकाश के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद भगवान रुद्रनाथ के दर्शन और पूजा गोपीनाथ मंदिर, गोपेश्वर में छह माह तक होंगे। यह पारंपरिक व्यवस्था है जो हर वर्ष शीतकाल में निभाई जाती है।
पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य देवेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि 17 अक्तूबर को सुबह ब्रह्ममुहुर्त में विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। पूजा के बाद रुद्रनाथ जी के चल विग्रह को डोली में गोपीनाथ मंदिर के लिए प्रस्थान कराया जाएगा। यहां छह माह तक भगवान की पूजा और भक्ति होगी, ताकि श्रद्धालु इस दौरान भी भगवान के दर्शन कर सकें।
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इस वर्ष भारी बरसात के कारण रुद्रनाथ मंदिर की तीर्थयात्रा खासी प्रभावित रही। पहाड़ी इलाकों में बारिश के चलते यातायात और पैदल मार्गों में बाधाएं आईं, जिससे श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। हालांकि, प्रशासन ने सभी संभव प्रयास किए ताकि तीर्थयात्रियों को सुरक्षित रूप से दर्शन मिल सकें।
सोर्स- इंटरनेट
केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग की ओर से हक-हकूकधारी गांवों में इको टूरिज्म कमेटी (EDC) का गठन किया गया है। इस कदम से बुग्याल क्षेत्रों में तीर्थयात्रियों को रहने और खाने की बेहतर सुविधाएं मिलने लगी हैं। ईडीसी के सदस्य स्थानीय लोगों के सहयोग से साफ-सफाई, भोजन व्यवस्था और ठहरने की व्यवस्था करते हैं, जिससे यात्रियों का अनुभव बेहतर होता है।
इस वर्ष की बरसाती स्थिति और कठिनाइयों के बावजूद प्रशासन और स्थानीय लोगों ने मिलकर तीर्थयात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया। पैदल मार्गों की सफाई, आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था और सूचना केंद्र स्थापित किए गए, ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के दर्शन कर सकें।
रुद्रनाथ मंदिर के शीतकालीन बंद रहने के दौरान भगवान के दर्शन गोपीनाथ मंदिर में होंगे। गोपीनाथ मंदिर में विशेष शीतकालीन पूजा आयोजित की जाती है, जहां भगवान रुद्रनाथ के भक्त बड़ी श्रद्धा से शामिल होते हैं। यह परंपरा क्षेत्र में धार्मिक आस्था का प्रतीक मानी जाती है।