

उत्तराखण्ड सरकार के “नशा मुक्त उत्तराखण्ड” अभियान को मजबूत करते हुए पिथौरागढ़ पुलिस लगातार मादक पदार्थों की अवैध तस्करी और उत्पादन पर सख्ती से कार्रवाई कर रही है। पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़, श्रीमती रेखा यादव के कुशल निर्देशन और नेतृत्व में चल रहे इस मिशन के तहत जनपद में नशे के खिलाफ जागरूकता और दमनात्मक कदम दोनों को समान रूप से प्राथमिकता दी जा रही है।
पिथौरागढ़ को जल्द मिलेगा नया रूप
Pithoragarh: उत्तराखण्ड सरकार के “नशा मुक्त उत्तराखण्ड” अभियान को मजबूत करते हुए पिथौरागढ़ पुलिस लगातार मादक पदार्थों की अवैध तस्करी और उत्पादन पर सख्ती से कार्रवाई कर रही है। पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़, श्रीमती रेखा यादव के कुशल निर्देशन और नेतृत्व में चल रहे इस मिशन के तहत जनपद में नशे के खिलाफ जागरूकता और दमनात्मक कदम दोनों को समान रूप से प्राथमिकता दी जा रही है।
इसी क्रम में 12 अगस्त 2025 को एक विशेष अभियान के तहत थानाध्यक्ष नाचनी, श्री मंगल सिंह नेगी की अगुवाई में पुलिस टीम ने ग्राम मल्ला भैंसकोट, चामी भैंसकोट और बासनी भैंसकोट क्षेत्रों में छापेमारी की। इस दौरान लगभग 5 नाली भूमि पर अवैध रूप से उगाई गई भांग की खेती का पता लगाकर उसे मौके पर ही नष्ट कर दिया गया।
पुलिस की इस कार्रवाई ने क्षेत्र में एक स्पष्ट संदेश दिया है कि नशे के कारोबार में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। जनपद पुलिस ने यह भी दोहराया कि “नशा मुक्त उत्तराखण्ड” अभियान के तहत अवैध मादक पदार्थों से जुड़ी गतिविधियों के खिलाफ भविष्य में भी इसी प्रकार की सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
इस अभियान के दौरान पुलिस ने केवल अवैध खेती नष्ट करने तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि स्थानीय ग्रामीणों और उपस्थित लोगों को नशे के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक भी किया। इसके साथ ही, “मानस” नेशनल नार्कोटिक्स हेल्पलाइन पोर्टल (1933) की जानकारी साझा की गई, ताकि आमजन किसी भी संदिग्ध गतिविधि या मादक पदार्थों से जुड़ी सूचना तत्काल संबंधित विभाग तक पहुंचा सकें।
पुलिस ने लोगों से अपील की कि यदि उन्हें कहीं भी नशे के उत्पादन, तस्करी या बिक्री से संबंधित जानकारी मिलती है, तो वे बिना हिचक 1933 नंबर पर संपर्क करें। इस तरह की सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी और त्वरित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस पूरी कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि पिथौरागढ़ पुलिस न केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने में, बल्कि समाज को नशे के जाल से बचाने में भी गंभीर और प्रतिबद्ध है। अधिकारियों का मानना है कि ऐसे संयुक्त प्रयासों से नशे के खिलाफ लड़ाई में समाज की भागीदारी बढ़ेगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ, सुरक्षित वातावरण तैयार किया जा सकेगा।