

नैनीताल के रामनगर में कांग्रेस कार्यालय पर कब्जे को लेकर हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
कांग्रेस नेता ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
नैनीताल: जनपद के रामनगर में कांग्रेस कार्यालय पर कब्जे को लेकर हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में सूबे में सियासत गरमा गई है। वहीं कांग्रेस के पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा बयान दिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ पार्टी के सुपारी किलर द्वारा सुनियोजित साजिश की जा रही है और एक खास नेरेटिव तैयार किया जा रहा है।
कांग्रेस के पूर्व विधायक रावत ने कहा कि बीते दिनों जो घटना हुई उसके बाद तथाकथित पार्टी के ही कुछ लोग जिन्हें उन्होंने “सुपारी किलर” कहा – मिलकर उनके खिलाफ माहौल बना रहे हैं।
कांग्रेस नेता रावत ने कहां कि जो लोग खुद अवैध शराब, जुआ, सट्टा और वसूली में लिप्त है वो आज मेरे खिलाफ नैगेटिव सेट कर रहे हैं।
रामनगर के लोगों को समझना होगा कि पीपी गैंग और मिंटू चौधरी जैसे गैंग के जननायक लोग कौन हैं, और वे कैसे शहर का माहौल बिगाड़ रहे हैं। रावत ने कहाँ मिंटू चौधरी और पीपी गैंग से जुड़कर ये लोग न सिर्फ अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं, बल्कि कालाढूंगी चकलुआ कांड का मुख्य जनक है।
रामनगर का टंकी कांड और रामनगर के कई घरों की चिराग बुझाने वाला व्यक्ति हैं बल्कि अब ये राजनीतिक संरक्षण पाकर व्यापारियों और आम जनता में भय फैलाने का काम कर रहे हैं।
कांग्रेस कार्यकर्ता और व्यापारियों के साथ बैठक करते हुए रणजीत रावत
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस कार्यालय पर कब्ज़े की कार्रवाई पूरी तरह एकतरफा थी, और पुलिस प्रशासन ने बिना किसी नोटिस के जबरन कब्जा करवा दिया। रणजीत सिंह रावत ने कहा ये पूरी कार्रवाई बिना नोटिस के की गई है। यह कानून के खिलाफ है। हम इसे कोर्ट में चुनौती देंगे। प्रशासन ने यूपी के अराजक तत्वों के साथ मिलकर ये कब्जा करवाया है।
रणजीत सिंह रावत ने अपने समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर आगे की रणनीति बनाई है। उनका कहना है कि यह केवल कांग्रेस कार्यालय पर कब्जा नहीं, बल्कि लोकतंत्र और कानून के खिलाफ साजिश है।
उन्होंने कहा कि रामनगर के व्यापारी और आम लोग समझें कि अगर आज इस तरह के लोगों को संरक्षण मिला, तो कल को कोई भी गुंडा आकर किसी की दुकान पर कब्जा कर लेगा और प्रशासन मूकदर्शक बना रहेगा। रामनगर में कांग्रेस कार्यालय को लेकर शुरू हुआ विवाद अब कानून और राजनीति के बड़े सवालों की ओर इशारा कर रहा है।