

नैनीताल के बल्दियाखान-फतेहपुर रोड पर बारिश के दौरान दो गाड़ियां मलबे में फंस गईं। अंधेरा, नेटवर्क की कमी और जंगल के बीच आठ लोगों को फंसे देख पुलिस ने जोखिम उठाकर सफल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया।
तेज बारिश में फंसी दो गाड़ियां (IMG- Freepik)
Nainital: सोमवार को शाम का वक्त था जब तेज बारिश के बीच दो गाड़ियां नैनीताल के बल्दियाखान-फतेहपुर रोड से होकर लौट रही थीं। गाड़ियों में कुल आठ लोग सवार थे। सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन अचानक मौसम ने ऐसा रंग बदला कि देखते ही देखते उनकी सांसें अटक गईं।
घने जंगल में फंसी गाड़ी
जिस सड़क पर उनकी गाड़ी चल रही थी, वो एक झटके में आंखों से ओझल हो गई। आगे की ओर रास्ता दिखना बंद हो गया और पीछे मुड़कर देखा तो वो हिस्सा भी मलबे में समा चुका था। चारों ओर घना जंगल था। बरसात थमने का नाम नहीं ले रही थी और अंधेरा धीरे-धीरे पसरने लगा था।
मदद की लगाई गुहार
इन्हीं में से एक युवक शशिकांत ने बताया कि हम जैसे-तैसे गाड़ी में बैठे रहे। बाहर निकलने का तो सवाल ही नहीं था। हर दिशा में बस डर और अंधेरा था। नेटवर्क भी नहीं आ रहा था लेकिन जैसे-तैसे थोड़ा नेटवर्क मिला तो कांपते हाथों से मदद के लिए फोन किया। उसने बस इतना कहा कि सर, कुछ समझ नहीं आ रहा। किसी की तबीयत भी बिगड़ रही है। प्लीज हमें निकालिए।
मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम
जैसे ही सूचना पुलिस के पास पहुंची, मुखानी थाने से तुरंत रेस्क्यू टीम को रवाना किया गया। मगर रास्ता आसान नहीं था। एसओ दिनेश जोशी ने बताया कि वहां तक पहुंचना बेहद मुश्किल था। बीच में दो नाले पड़ते हैं जो उस वक्त जोरों से बह रहे थे। पानी का बहाव इतना तेज था कि टीम को हर कदम फूंक-फूंक कर रखना पड़ा।
मामले पर सिटी एसपी का बयान
सिटी एसपी प्रकाश चंद्र ने बताया कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही थी। ज्योलिकोट और आसपास की टीमों को भी अलर्ट किया गया था। हमारी पहली प्राथमिकता यही थी कि सभी को सुरक्षित बाहर निकाला जाए। मौसम और रास्ते की मुश्किलें बहुत थीं लेकिन हमारी टीम ने हार नहीं मानी।
चार घंटे चला रेस्क्यू
करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम मौके तक पहुंची और सभी आठ लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। प्राथमिक उपचार के बाद सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
यह घटना न सिर्फ नैनीताल के बदलते मौसम के खतरों को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि प्रशासन और पुलिस की तत्परता और साहस किस तरह लोगों की जान बचा सकता है।